Category: विधा

अनुपम मिश्र की उपस्थिति – (संस्मरण)

वरिष्ठ लेखक जयशंकर ने प्रसिद्ध पर्यावरणविद, लेखक अनुपम मिश्र जी को, उनके कामों को याद करते हुए यह आत्मीय गद्य लिखा है।

“हॉब्सन-जॉब्सन, आधुनिक ऑक्सफोर्ड अंग्रेज़ी कोश और  हिंदी” – (आलेख)

हॉब्सन-जॉब्सन और आधुनिक ऑक्सफोर्ड अंग्रेज़ी कोश: हिंदी के बहाने अंतरराष्ट्रीय अंग्रेज़ी का विस्तार ~ विजय नगरकर, अहिल्यानगर, महाराष्ट्र 📜 भूमिका भाषा केवल संचार का माध्यम नहीं, बल्कि इतिहास, संस्कृति और…

हिंदी के मानकीकरण और दस्तावेज़ीकरण का इतिहास – (आलेख)

हिंदी के मानकीकरण और दस्तावेज़ीकरण का इतिहास ~ विजय नगरकर, अहिल्यानगर, महाराष्ट्र हिंदी के मानकीकरण और दस्तावेज़ीकरण का इतिहास एक लंबी प्रक्रिया है जो सदियों से चली आ रही है।…

आधुनिक गिरमिटिया – (लघुकथा)

आधुनिक गिरमिटिया डॉ ऋतु शर्मा ननंन पाँडे, नीदरलैंड कल कारला को एक सामाजिक कार्यक्रम का हिस्सा बनने का अवसर मिला। क्योंकि कार्यक्रम भारतीय था इसलिए कारला ने भारतीय परिधान पहना…

फ़्लू – (लघु कथा – अनुवाद)

फ़्लू डॉ. शैलजा सक्सेना आज विभाग के मुख्यसचिव दौरा करने आ रहे थे। पिछले बार जब मुख्यसचिव आए थे तब नीता असिस्टेंट सैक्शन ऑफिसर बनी ही थी। उस को यह…

रिमझिम बरसात भरी – (कविता)

डॉ॰ अर्जुन गुप्ता ‘गुंजन’ *** रिमझिम बरसात भरी (उड़ियाना छंद) रिमझिम बरसात भरी, सावन सुहावनी।शिव जी का ध्यान धरें, ऋतु है सुपावनी॥नद नाले तृप्त हुए, हरियाली छायी।कोयल की कुहू-कुहू, मन…

बाल-उपन्यास ‘बिन्नी बुआ का बिल्ला’ – (पुस्तक समीक्षा)

बाल-उपन्यास ‘बिन्नी बुआ का बिल्ला‘ शन्नो अग्रवालshannoaggarwal1@hotmail.com दिव्या माथुर का बाल-उपन्यास ‘बिन्नी बुआ’ का बिल्ला’ एक ऐसे आदर्श परिवार का ढांचा दिखाता है जिसकी परिकल्पना शायद हर बच्चे का सपना…

चाँद – (कविता)

अनीता वर्मा *** चाँद नभ पर देखे चंदा इंसीदेख-देख हँसी है छलकीनानी कहती चंदा है मामामम्मी कहती वो तो है नानीचाँदनी जैसे बाल हैं उसकेमुझे लगे ये कोई कहानीटी.वी.तो कुछ…

नन्ही बूँदे – (कविता)

अनीता वर्मा *** नन्ही बूँदे नन्हीं बूँदें टप-टप बरसेंधरती का मन देखो हरषेपेड़ों ने तो गीत सुनायानन्हा पौधा भी मुस्कायाहरी घास भी लहराती हैजानें क्या क्या गाती हैकोयल ने भी…

जल बचाओ – (कविता)

अनीता वर्मा *** जल बचाओ रिमझिम बूँदें बरस रहीं हैंधरती कितनी चमक रही हैहरा-भरा परिधान पहनकरदेखो कैसी महक रही हैपेड़ों पर कोयल कूक रही हैना जाने क्या पूछ रही हैपत्ते…

पक्का वादा – (बाल कविता)

अनीता वर्मा *** पक्का वादा पक्का वादाहम करते हैं पक्का वादानहीं खायेंगे मीठा ज़्यादाफल सब्ज़ियाँ ताक़त वालीलाती हैं चेहरे पर लालीदादू मुझको आम खिलातेपापा मीठे फल हैं लातेमुझको मेरी मम्मी…

सॉन्ग ऑफ पैराडाइज़ 2025 – भारतीय जीवनी संगीतमय ड्रामा फिल्म – (फिल्म समीक्षा)

अनीता वर्मा पद्म श्री पुरस्कार और संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित राज बेगम, जिन्हें कश्मीर की मेलोडी क्वीन के नाम से जाना जाता है, के जीवन पर रूह का…

उत्तरी भारत के नगरों में भाषा समस्या पर कुछ टिप्पणियाँ – (आलेख)

उत्तरी भारत के नगरों में भाषा समस्या पर कुछ टिप्पणियाँ तोमिओ मिज़ोकामि, प्रोफ़ेसर एमेरिट्स ओसाका यूनिवर्सिटी ऑफ फॉरेन स्टडीज़

जापान में गणेश जी के मंदिर एवं महिमा – (आलेख)

जापान में गणेश जी के मंदिर एवं महिमा गणेश गिरि, वाकायामा, जापान जापान में यद्यपि हिंदू धर्म विशेष गणेश मंदिर नहीं हैं, वर्तमान में कुछ भारतीय संगठनों ने टोक्यो, क्योतो,…

‘कुछ कही, कुछ अनकही’ : संवेदनाओं की मौन अभिव्यक्ति – (पुस्तक समीक्षा)

कही गई और अनकही भावनाओं का आईना समीक्षक: प्रीती जायसवाल कविता साहित्य का वह सशक्त माध्यम है जो हमें समाज को एक नई दृष्टि से देखने, समझने और महसूस करने…

छुअन- छुअन में फर्क बहुत है! – (कविता)

डॉ. अशोक बत्रा, गुरुग्राम छुअन- छुअन में फर्क बहुत है! माँ छूती है बादल जैसेबारिश जैसे, अमृत जैसे!स्पर्श पिता काधूप हो जैसे, सूरज जैसे।दादा दादी नाना नानीकिशमिश जैसे और छुआरे।सखी…

अपनी नागरी लिपि – (कविता)

डॉ. शारदा प्रसाद *** अपनी नागरी लिपि हिंदी हो जन-जन की भाषाहिंदी हो हर-मन की आशा!बने सकल विश्व में सिरमौरऐसी है सबकी अभिलाषा!! सब मिलकर करें प्रयासहर बोली का हो…

करम परब – (कविता)

*** डॉ शारदा प्रसाद करम परब (झारखंड का लोकप्रिय पर्व) भादो माह शुक्ल एकादशीकरम परब लेकर आया!हरियर करम डाल ले भाई आयाबहना का मन हरसाया!! भाई-बहन का पर्व है प्याराकरमा-धरमा…

रक्षा बंधन – (कविता)

डॉ शारदा प्रसाद *** रक्षा बंधन सावन का पूनम का चंदाआया ले किरणों का उपहार!सकल विश्व मना रहाभाई-बहन का सुंदर त्यौहार!! कलाई सजेगी राखी सेशुभ तिलक लगेगा भाल विशाल!आरती उतारे…

झूलन – (कविता)

डॉ शारदा प्रसाद *** झूलन झूला झूलैं कृष्ण-कन्हैयामाथे मोर मुकुट अति शोभितबलि-बलि जात हैं नंद-यशोदागोपियों का मन हर्षित- मोहित सावन माह है अति मनभावनझूलैं संग-संग राधा रानी!कृष्ण-कन्हैया के मन बसतीवृषभानु…

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