Category: प्रवासी रचनाकार

ख़ामोशी – (कविता)

ख़ामोशी छाया चारों तरफ़ है ख़ामोशी का अँधेरालगता है कभी न होगा चहकता सवेरा।पेड़, पत्ते भी ख़ामोशी से ढके हुए है।आकाश में परिन्दे भी ख़ामोश हैं॥ पर्वत से समुन्दर तक…

प्यासी सरिता (अनाथ बेटी) – (कविता)

प्यासी सरिता (अनाथ बेटी) प्यासी सरिता इक बूँद को तरसेमेघ बिना कब सावन बरसे।कैसी विडम्बना है जीवन कीराज़ है गहरा बात ज़रा सी।प्यासी सरिता दुर्गम पथ जोहती रहती हैऔर निरंतर…

समय का प्रबल चक्र – (कविता)

समय का प्रबल चक्र यह प्रबल समय का चक्र चलाजो चुप करके सह जाना होगा। नियति के क़दम किस तरफ़ चलेख़ुद न समझे तो समझाना होगासचमुच जीवन है एक पहेलीजिसे…

सरोजिनी जौहर – (परिचय)

सरोजिनी जौहर जन्म: लाहौर, पाकिस्तान (तत्कालीन भारत) शिक्षा: पंजाब वि.वि. से बी.ए. हिन्दी विशेष की उपाधि और बम्बई वि.वि. से संस्कृत में परीक्षाएँ वर्तमान निवास: स्कारबरो, ओंटारियो साहित्य क्षेत्र: १९९५…

प्रख्यात कवि अनिल शर्मा ‘जोशी’ की ‘नींद कहाँ है’ की समीक्षा – (पुस्तक समीक्षा)

कवि अनिल शर्मा ‘जोशी’ की ‘नींद कहाँ है’ की समीक्षा – मनीष पाण्डेय अनिल शर्मा ‘जोशी’ वैश्विक स्तर पर हिंदी भाषा और साहित्य जगत के जाने माने नाम हैं। भारत…

पावन प्रेम तुम्हारा पाकर – (कविता)

पावन प्रेम तुम्हारा पाकर पावन प्रेम तुम्हारा पाकरपूजनीय हो जाऊँगा।शरच्चंद्र के जैसा इक दिनमैं भी पूजा जाऊँगा॥ मेरे कृष्णपक्ष पर कोईध्यान कभी भी नहीं दिया।तुमने मान मयंक मुझे निजआजीवन सकलंक…

जीवन का सारांश निराशा – (कविता)

जीवन का सारांश निराशा जीवन का सारांश निराशा।झूठमूठ है हर इक आशा॥भीतर ही भगवान छुपा हैबाहर तो बस खेल तमाशा॥ सपने में सोना जगना क्या।दूर स्वयं से ही भगना क्या॥नींद…

आप की ख़ासियत – (कविता)

आप की ख़ासियत आप की ख़ासियत आप ही आप हो।ख़ुद ही फ़ीता हो ख़ुद का औ ख़ुद माप हो॥ हो भला कोई कैसे बड़ा आपसेआप तो हो बड़े ख़ुद के…

ज़िंदगी से प्यार करके देख तो – (कविता)

ज़िंदगी से प्यार करके देख तो ज़िंदगी से प्यार करके देख तो।मौत से तक़रार करके देख तो॥बुज़दिली काफ़ूर सब हो जायेगी।हौसला इकबार करके देख तो॥ जीत जायेगा तू हर इक…

संदीप त्यागी ’दीप’

संदीप त्यागी ’दीप’ ब्रैम्पटन (ओंटेरियो) कैनेडा जन्म: 1977 ई. सि सौना, जनपद-बिजनौर (उ. प्र.) भारत संप्रति : प्रो. शेरिडन कॉलेज (ओकविल, ओंटेरियो, कैनेडा) शिक्षा: विद्याभास्कर: (गुरुकुल महाविद्यालय ज्वालापुर (हरिद्वार); सिद्धान्त-शास्त्री:…

अबकी दीवाली – (कविता)

अबकी दीवाली अबकी दीवाली कुछ ऐसे मनाएँस्याह मनों के, धुल सब जाएँ! नेह जले सतत प्रेम भावों कीबाती बन रहे संवेदना मन कीदीये बन रहे तन की मिट्टी केजीवन प्रकाश…

दंगों वाली रात – (कविता)

दंगों वाली रात छलनी करती कुछ यादें सीने कोपर याद न वो दिल से मिटने पायेंकुछ ज़ख़्म दिल के सदा रिसते हैंरिसने दो, घाव ना वो भर जायें भूल नहीं…

चंदा, क्या तुम भी एकाकी हो? – (कविता)

चंदा, क्या तुम भी एकाकी हो? जीवन के दीर्घ विस्तार समानफैले इस अनंत आसमानकी इस मधुमय सावन-संध्या मेंशायद मुझ सी बिन साथी होचंदा, क्या तुम भी एकाकी हो? पावस का…

मेरी बिटिया, मेरी मुनिया – (कविता)

मेरी बिटिया, मेरी मुनिया पूजा के थाल का चंदन हो तुमफूलों की ख़ुशबू, रंगत हो तुम जैसे भजनों की भावना हो तुमजैसे ईश की उपासना हो तुम! हो सर्दी की…

संदीप कुमार सिंह – (परिचय)

संदीप कुमार सिंह जन्म स्थान: राँची, झारखंड वर्तमान निवास: टोरोंटो, कॅनडा: शिक्षा: बी.ई.; एमबीए, पीएमपी, सीएससीएमपी संप्रति : डायरेक्टर, स्पलाई चेन (पब्लिक सेक्टर) प्रकाशित रचनाएँ: साहित्य कुंज, विविध इंटरनेट पत्रिकाएँ…

भय – (कविता)

भय बच रहा था आप सबसे कल तलक सहमा हुआअब बड़ा महफूज़ हूँ मैं कब्र में जाने के बाद। मौत का अब डर भी यारो हो गया काफूर हैज़िंदगी की…

अनुराग शर्मा – (परिचय) 

अनुराग शर्मा सम्पादन:जून 2016 से पिट्सबर्ग (अमेरिका) से हिंदी व अंग्रेज़ी में प्रकाशित मासिक, सेतु के मुख्य सम्पादक प्रकाशित पुस्तकें: एकल पुस्तकें: आधी सदी का किस्सा (उपन्यासिका), अनुरागी मन (कथा…

परछाइयाँ – (कविता)

परछाइयाँ शाम से ही नाराज़ हैं अब हमसफ़र परछाइयाँ।कर रहीं कब से शिकायत मुँह लगी तन्हाइयाँ॥ जाने कब से तप रहा है विवशता का आसमाँ।और अब पंखा झले हैं भाग्य…

मंज़िलें हैं रास्ते हैं औ आप हैं – (कविता)

मंज़िलें हैं रास्ते हैं औ आप हैं तय नहीं कर पा रहे जायें किधरमंज़िलें हैं, रास्ते हैं, आप हैं। सफ़र की तैयारियाँ कब से शुरू,याद हमको कुछ नहीं आता अभी।हमवतन…

रिमझिम बरसे बदरा – (कविता)

रिमझिम बरसे बदरा रिमझिम बरस बदरा भीगा है तनतेरी प्रिय यादों में भीगे मेरा मन।सर्पीली रातेंमायावी दिनशबनमी शिकवेछेड़े हर छिनसावन बुझा ना पाया मेरी ये तपन। वीरानी चाहतसपने अनगिनसूना जग…

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