चमेली – (कविता)
चमेली क्यारी में अम्मा ने जबपौधा एक लगायाखिलीं चमेली की कलियाँऔर फूल लगे मुसकाने। सूरज की किरनें बिखरींतो झूम उठी हर डालीघूँघट से झाँक-झाँकहर कली लगी इतराने। चाँदी जैसा गात…
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चमेली क्यारी में अम्मा ने जबपौधा एक लगायाखिलीं चमेली की कलियाँऔर फूल लगे मुसकाने। सूरज की किरनें बिखरींतो झूम उठी हर डालीघूँघट से झाँक-झाँकहर कली लगी इतराने। चाँदी जैसा गात…
शन्नो अग्रवाल जन्म : 9 दिसंबर,1947; पीलीभीत, उत्तर प्रदेश। लंदन, ब्रिटेन में लंबे समय तक रहना. वर्त्तमान में ऑस्ट्रेलिया में रह रही हैं। दो काव्य संग्रह ‘रोशनदान’ और ‘ओस’ नाम…
देवी नागरानी की ग़ज़लें 1. ग़ज़ल घरोंदे साहिलों पर जो बने हैंवो मौजों के थपेड़ों से बहे हैं ऐ खंजर सब्र कर ले तू ज़रा-सापुराने ज़ख़्म तो अब तक हरे…
मैं भारत हूँ मैं भारत हूँ, सिर्फ़ नाम से मत पहचानो मुझे।कभी मुग़लों ने तो कभी अंग्रेजों ने लूटा था बहुत,अडिग हूँ आज भी, तो शान से जानो मुझे। मैं…
अतुल शर्मा मेरा नाम अतुल शर्मा है। मैं उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले से हूँ, जहाँ मेरा बचपन बीता। मैंने अपनी शिक्षा चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ से एम.कॉम (स्नातकोत्तर)…
प्रिये, तुम्हारी आँखें बोलती हैं अपनी सहधर्मिणी के साथ, दशकों से रहते हुए, अत्यंत निकट से मैंने अनुभव किया कि उसकी आँखें बोलती हैं। जो मनोदशा, भावना शब्दों से निरूपित…
नारी कौशल जीवन की उलट-पलट और झंझावतों के बीच, कभी-कभी मन में कई तरह के विचार उठते हैं। और जब मैं अपने आसपास की घटनाओं, विशेषकर अपने निकटम साथी को…
दर्पण और अहम् दर्पण और अहम् कविता में द्वन्द्व है। मन के रूपक अहम और सत्य के रूपक दर्पण के बीच, कवि का मन उसका अहम् दर्पण से अपने ही…
हाँ, मेरे कई मन हैं! मन एक बहु आयमी पटल है। मेरे विचार से विश्व का अस्तित्व मात्र मन है, मन है तो विश्व है। यह आशाओं, आकांक्षाओं, संभावनाओं, प्रतिरोध,…
नीटू भैय्या – हर्ष वर्धन गोयल (सिंगापुर) कुछ वर्ष पूर्व मुझे एक बहुत ही शक्तिशाली विधि का ज्ञान हुआ। जिसके द्वारा हम अपने मन की स्थिति और विचार प्रक्रिया पर…
1. राम-सरल हृदय स्वयं से जब पहचान करेंगेसबको अपने राम मिलेंगे सरल हृदय है पहली नीतिवरना ना भगवान मिलेंगे तनिक कृपा मिल जाय अगरहे राम तेरा वरदान कहेंगे माया मोह…
ब्रिटेन का पतझड़ मानो धरती हरी नहींसोने की लगती एक परातपत्ते मटक-मटक बिखरेजैसे जाते कोई बरात उड़ते पत्ते, झड़ते पत्तेगिरते पत्ते, पड़ते पत्तेकहीं हवा में तैर रहेकहीं फ़िज़ा में सैर…
पानी की बूँद मैं पानी की बूँद चली क्यूँ दूर मेघ से पार।क्या होगा, ये क्या जाने, कैसा होगा संसार। सोच रही है बूँद ये कब सेक्या मेरा कल होगाक्या…
क्या हारा क्या जीत गया समय बहुत सा बीत गयाबहुत समय था रीत गया।अनुभव आपहि बोलेगाक्या हारा क्या जीत गया।। जीवन किसी नाव की भाँतिहिचकोले से हमें हिलातीसमय आप पतवार…
धीरे धीरे जब आँगन धीरे-धीरे जब आँगन मेंयहाँ फैलता सूनापन।गीले-गीले नयनों सेहृदय नापता अपनापन।। अपनापन रातों का सच्चादिन का है दर्पण कच्चासच में दंभ यथा भरने सेमेरा खाली बर्तन अच्छा…
आशीष मिश्रा हिंदी कविताएँ व कहानियाँ लिखते हैं। वे गत 14 वर्षों से लंदन में रहते हैं और एक software architect हैं। उनका एक काव्य संग्रह “मेरी कविता मेरे भाव”…
हर्ष वर्धन गोयल मेल पता – harshgoel2k@gmail.com मोबाइल नं – 98546246
मैं यमराज नहीं हूँ!! – हर्ष वर्धन गोयल (सिंगापुर) मुझे सिंगापुर में आए अभी कुछ ही वर्ष व्यतीत हुए थे, यहाँ मित्रों और संबंधियों की रिक्तता का आभाव वास्तविक रूप…
काले देवता – हर्ष वर्धन गोयल (सिंगापुर) यह उन दिनों की बात है जब मैं मलेशिया में कार्यरत था, मुझे अपने कार्यालय के द्वारा सायबर जाया में एक परियोजना पर…
ग़ज़ल – 1 चल रहा आज भी वो खेल पुराने वाला,हर मुलाज़िम ही निकलता है खज़ाने वाला। हैसियत देख के ही दोस्त बनाने वाला,चढ़ गया उस पे भी अब रंग…