नारी कौशल – (कविता)
नारी कौशल जीवन की उलट-पलट और झंझावतों के बीच, कभी-कभी मन में कई तरह के विचार उठते हैं। और जब मैं अपने आसपास की घटनाओं, विशेषकर अपने निकटम साथी को…
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नारी कौशल जीवन की उलट-पलट और झंझावतों के बीच, कभी-कभी मन में कई तरह के विचार उठते हैं। और जब मैं अपने आसपास की घटनाओं, विशेषकर अपने निकटम साथी को…
दर्पण और अहम् दर्पण और अहम् कविता में द्वन्द्व है। मन के रूपक अहम और सत्य के रूपक दर्पण के बीच, कवि का मन उसका अहम् दर्पण से अपने ही…
हाँ, मेरे कई मन हैं! मन एक बहु आयमी पटल है। मेरे विचार से विश्व का अस्तित्व मात्र मन है, मन है तो विश्व है। यह आशाओं, आकांक्षाओं, संभावनाओं, प्रतिरोध,…
नीटू भैय्या – हर्ष वर्धन गोयल (सिंगापुर) कुछ वर्ष पूर्व मुझे एक बहुत ही शक्तिशाली विधि का ज्ञान हुआ। जिसके द्वारा हम अपने मन की स्थिति और विचार प्रक्रिया पर…
1. राम-सरल हृदय स्वयं से जब पहचान करेंगेसबको अपने राम मिलेंगे सरल हृदय है पहली नीतिवरना ना भगवान मिलेंगे तनिक कृपा मिल जाय अगरहे राम तेरा वरदान कहेंगे माया मोह…
ब्रिटेन का पतझड़ मानो धरती हरी नहींसोने की लगती एक परातपत्ते मटक-मटक बिखरेजैसे जाते कोई बरात उड़ते पत्ते, झड़ते पत्तेगिरते पत्ते, पड़ते पत्तेकहीं हवा में तैर रहेकहीं फ़िज़ा में सैर…
पानी की बूँद मैं पानी की बूँद चली क्यूँ दूर मेघ से पार।क्या होगा, ये क्या जाने, कैसा होगा संसार। सोच रही है बूँद ये कब सेक्या मेरा कल होगाक्या…
क्या हारा क्या जीत गया समय बहुत सा बीत गयाबहुत समय था रीत गया।अनुभव आपहि बोलेगाक्या हारा क्या जीत गया।। जीवन किसी नाव की भाँतिहिचकोले से हमें हिलातीसमय आप पतवार…
धीरे धीरे जब आँगन धीरे-धीरे जब आँगन मेंयहाँ फैलता सूनापन।गीले-गीले नयनों सेहृदय नापता अपनापन।। अपनापन रातों का सच्चादिन का है दर्पण कच्चासच में दंभ यथा भरने सेमेरा खाली बर्तन अच्छा…
आशीष मिश्रा हिंदी कविताएँ व कहानियाँ लिखते हैं। वे गत 14 वर्षों से लंदन में रहते हैं और एक software architect हैं। उनका एक काव्य संग्रह “मेरी कविता मेरे भाव”…
हर्ष वर्धन गोयल मेल पता – harshgoel2k@gmail.com मोबाइल नं – 98546246
मैं यमराज नहीं हूँ!! – हर्ष वर्धन गोयल (सिंगापुर) मुझे सिंगापुर में आए अभी कुछ ही वर्ष व्यतीत हुए थे, यहाँ मित्रों और संबंधियों की रिक्तता का आभाव वास्तविक रूप…
काले देवता – हर्ष वर्धन गोयल (सिंगापुर) यह उन दिनों की बात है जब मैं मलेशिया में कार्यरत था, मुझे अपने कार्यालय के द्वारा सायबर जाया में एक परियोजना पर…
ग़ज़ल – 1 चल रहा आज भी वो खेल पुराने वाला,हर मुलाज़िम ही निकलता है खज़ाने वाला। हैसियत देख के ही दोस्त बनाने वाला,चढ़ गया उस पे भी अब रंग…
आशुतोष कुमार नाम : आशुतोष कुमार पता : London, England, United Kingdomदूरभाष (मोबाइल) : +44 7423019034ई–मेल : aasu.kr@gmail.com
ना हो उदास, ना हो निराश प्रश्न रह गए, गायब उत्तरभाग चला लंपट, छूमंतरबिखर गई थोथी भावुकताभीतर थी केवल कामुकताऐसा कर कुछ, समेट अपनेदर्द के धागे, चले तलाशना हो उदास,…
भूत जो अब घट गया है* ज्ञान उपनिषद का देते, ऋषि-मुनि गूढ़ और गंभीरविज्ञान का प्रयोग चलता स्क्रीन पर फोटोन की लकीर कान्ह को माखन खिलाया , बेबी फूड के…
धनुष-बाण तेरे घुस आते बौछारें नयनो से निकलीधनुष-बाण तेरे घुस आते। मैं ग्वाला अज्ञानी ठहराकिशन समझ तुम आई राधासपनीली आँखों में तेरीखुद को पाता आधा आधाहाथ बढ़ाने के क्षण मुझसे,फिसले…
आनन्द ही आनन्द ले ले कर चटखारेस्वाद ग्रंथि तृप्त हो, मौन रसना अनमनीआनन्द ही आनन्द कुंभकर्णी नींद हो,खर्राटे भर लेते तोड़ते खाट अपनाउपदेश बाँटो, माल लो,सुन्दरी का साथ हो भंग…
चलते भीतर अंतरद्वंद्व भार लिए मन में क्यों मानवशोक, दुख अनुलग्नचलते भीतर अंतरद्वंद्वक्यों न हो उद्विग्न।अंधड़ आई रेत उड़ चली.सावन-भादो मेंचंचल बहता पानी ठहरागंदे गड्ढों मेंकाम नहीं कुछ, उबकाई में,सुस्त…