अधूरी उड़ान – (आलेख)
अधूरी उड़ान – शिखा रस्तोगी, थाईलैंड चाहा था नभ को छूना, सपनों को रंग देना,पर हर मोड़ पर कहा गया — तू लड़की है, संयम से रह लेना। हर कहानी…
हिंदी का वैश्विक मंच
अधूरी उड़ान – शिखा रस्तोगी, थाईलैंड चाहा था नभ को छूना, सपनों को रंग देना,पर हर मोड़ पर कहा गया — तू लड़की है, संयम से रह लेना। हर कहानी…
मधुमक्खी – डॉ मीनाक्षी गोयल नायर, कोबे, जापान बालकनी में लगे पौधौं पर फूल खिलने लगे हैं। छोटे छोटे तीन फूलों के गमले जो गार्गी ने कुछ उदासी दूर करने…
जापान में भारतीय ज्ञान परंपरा की कुछ छवियाँ डॉ वेदप्रकाश सिंह ओसाका विश्वविद्यालय, जापान जापान की संस्कृति में शिंतो और बौद्ध धर्म का अमिट प्रभाव है। शिंतो धर्म जापान में…
सर्द रातें, टोक्यो और ‘तेनाली राम’ – सुयोग गर्ग, जापान ग़ौरतलब है कि पिछले कुछ सफ़्ताहों से शीत लहर ने शहर को झँझोड़ के रख दिया है। घर के दरवाज़े…
दक्षिण, मध्य और पूर्व एशिया में हिंदी शिक्षण: समस्याएँ और सुझाव डॉ. ज्ञान प्रकाश विजिटिंग प्रोफेसर, हांगुक यूनिवर्सिटी ऑफ़ फॉरेन स्टडीज़ (HUFS),सिओल, दक्षिण कोरिया ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की भावना से संचालित…
डॉ. ज्ञान प्रकाश विजिटिंग प्रोफेसर हांगुक यूनिवर्सिटी ऑफ़ फॉरेन स्टडीज़ (HUFS),सिओल, दक्षिण कोरिया दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक, परास्नातक और पी.एचडी की डिग्री प्राप्त की। हिन्दू कॉलेज, विवेकानंद महाविद्यालय आदि दिल्ली…
दक्षिण कोरिया में “बुद्धं शरणं गच्छामि!” डॉ. संजय कुमार, दक्षिण कोरिया बिहार स्थित गया (जिसका नया नामकरण गया जी किया गया है) मेरी पुश्तैनी धरती रही है। गया बौद्ध धर्म…
डॉ. संजय कुमार डॉ. संजय कुमार पेशे से पत्रकार हैं और दक्षिण कोरिया स्थित द कोरिया हेराल्ड के संवाददाता के रूप में कार्यरत हैं। उनकी रिपोर्टिंग मुख्यतः कूटनीति, राजनीति, सामाजिक…
जापानी विद्यालयों से जीवन मूल्यों की सीख – डॉ अर्चना पांडेय, जापान वर्ष 2013 में टोक्यो के एक अंतरराष्ट्रीय विद्यालय में हिंदी सेकेंड लैंग्वेज शिक्षिका के रूप में मेरी नई…
संगीता चौबे पंखुड़ी, कुवैत ***** लेखनी में धार हो वीर रस की हो प्रचुरता, ओज का अंगार हो।हर सदी की माँग है यह, लेखनी में धार हो ।। लिख सके…
जापान में मेरा अनुभव रूपा सिंह, जापान मैंने जापान आने के बाद देखा कि दुनिया में ऐसा समाज भी होता है जहाँ किसी को भी किसी का कैसा भी होना…
जापानी एनीमेशन स्टूडियो जिबली की फिल्में डॉ वेदप्रकाश सिंह, ओसाका विश्वविद्यालय, जापान ओसाका विश्वविद्यालय में हिंदी पढ़ाते हुए अपने जापानी विद्यार्थियों से उनकी किसी पसंदीदा जापानी फिल्म का नाम पूछता…
व्याकरण और लोक-प्रचलन के बीच का द्वंद्व – सृजन कुमार, बुसान यूनिवर्सिटी ऑफ फॉरेन स्टडीज कुछ दिनों पहले फेसबुक पर एक पोस्ट से आँखें दो-चार हो गईं। हालाँकि मैं फेसबुक…
थाईलैण्ड में रामकथा – शिखा रस्तोगी अयोध्या का नाम लेते ही स्मृति-पटल पर सरयू के किनारे स्थित सूर्यवंश के चक्रवर्ती सम्राटों की उस राजधानी का भव्य चित्र मुखरित होता है,…
सृजन कुमार सृजन कुमार दक्षिण कोरिया के बुसान यूनिवर्सिटी ऑफ फॉरेन स्टडीज के डिपार्टमेंट ऑफ इंडियन स्टडीज में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। साथ ही सिओल नैशनल यूनिवर्सिटी और सिओल स्थित स्वामी…
मालिनी – डॉ स्मिता सिंह मालिनी ने कभी एक निर्णय लिया था कि कभी भी भारत नहीं लौटेगी। आज इतने वर्ष बाद अपने देश की मिट्टी पर कदम रखते ही…
इंद्रधनुष – डॉ स्मिता सिंह सोना और कीर्ति लक्ष्मी जी की दोनों बेटियाँ उनके जन्मदिन को एक भव्य तरीके से मनाने लिए उत्सुक थीं, बिना उन्हें कुछ बताए। इन दोनों…
राजरानी – डॉ स्मिता सिंह रोज़ सुबह ईश्वर को नमन करते समय यह ख़याल आता की वह क्यों भाग्य विहीन हैं। कोई भी उसे सहारा देनेवाला क्यों नहीं है। रानी…
अरमान – डॉ स्मिता सिंह ***** बस दो ही दिन पहले के नज़ारेअदभुत रोशनी, रूमानी नज़ारे,जब शब भी शबनम माफ़िक़ चमक बिखेरेपूर्णिमा के चाँद की चाँदनी में नहाईयाद आ गई…
सुकून तो देती थी चाय – डॉ स्मिता सिंह ***** चाय हो या कोई चाह,पक्का रंग जब तक ना चढ़ेऔर नहीं हो जुनून,कहाँ मिलता है सच्चा सुख और कौन देता…