Category: विधा

आह से ही तो उपजा था पहला गान – (वर्णमाला 2 – ब्लॉग)

आह से ही तो उपजा था पहला गान स्वरांगी साने आषाढ़ के किसी दिन बादल बरसे पर हुआ कुछ ऐसा कि वाह न निकली और मुँह से आह निकल गई!…

मनुष्य के भीतर ईश्वर: उपसंहार में कृष्ण की यात्रा – (पुस्तक समीक्षा)

उपसंहार राकेश मिश्र काशीनाथ सिंह हिन्दी साहित्य के एक प्रमुख लेखक और कवि हैं। उनका लेखन मुख्यतः सामाजिक यथार्थ, बनारस की संस्कृति और आम जनजीवन पर केंद्रित रहा है। उनकी…

शैलजा सक्सेना की कहानियाँ: रिश्तों, संघर्षों और उम्मीदों की दास्तान – (पुस्तक समीक्षा)

“प्रवासी कथाकार शृंखला” राकेश मिश्र शैलजा सक्सेना जी से मेरा परिचय हिंदी राइटर गिल्ड के मासिक कार्यक्रम में हुआ। उनकी लिखी कहानियों को पढ़ने से पहले मैंने उन्हें सुना है…

बात छोटी सी – (कहानी)

बात छोटी सी नोरिन शर्मा आज शीतल और वरुण की पच्चीसवीं शादी की सालगिरह है। वरुण ने न तो कभी जन्मदिन मनाया और न ही कभी शादी की सालगिरह…! अंग्रेज़ों…

थाईलैंड – माई नाम – (ब्लॉग)

थाईलैंड – माई नाम शिखा रस्तोगी, बैंकॉक,थाईलैंड नदियों के महत्व को मनुष्य अच्छी तरह से जानता है। थाई भाषा में, माई नाम नदी के लिए एक सामान्य शब्द है, जिसमें…

कोरोना-चिल्ला – (कहानी)

कोरोना-चिल्ला* दिव्या माथुर तीन हफ्ते हो चुके हैं जॉन को घर छोड़े हुए; वह एक कैरावैन में किराए पर रह रहा है, वहीं से वह दफ़्तर का काम भी संभाल…

मुस्लिम परिवार की दुर्दशा को दर्शाता अनवर सुहैल का उपन्यास ‘मेरे दुःख की दवा करे कोई’ – (पुस्तक समीक्षा)

‘मेरे दुःख की दवा करे कोई’ दिनेश कुमार माली, तालचेर,ओड़िशा यह ध्रुव सत्य है कि हमारे लेखन में आजकल वह ताकत नहीं रही, जो हमारे अलग-अलग धर्मों वाले देश में…

‘मॉरीशस की साहित्यिक सुगंध’ संपादित संग्रह – (पुस्तक समीक्षा)

मॉरीशस की साहित्यिक सुगंध अनीता वर्मा प्रतिष्ठित हिंदी प्रेमी व पूर्व में मॉरीशस में दूतावास में अधिकारी के रूप में कार्यरत सुनीता पाहुजा की नवीनतम पुस्तक ‘मॉरीशस की साहित्यिक सुगंध’…

भारतीय विज्ञापन जगत के सरताज : पीयूष पांडे – (श्रद्धांजलि)

पीयूष पांडे डॉ. रेखा सेठी (2012 में मेरी एक पुस्तक आई थी, ‘विज्ञापन डॉट कॉम’। इसका एक अंश विज्ञापन जगत की प्रमुख हस्तियों, प्रमुख विज्ञापन एजेंसियों और विशिष्ट विज्ञापनों पर…

‘ज़मीन तलाशती जड़ें’ कहानी संग्रह – (पुस्तक समीक्षा)

‘ज़मीन तलाशती जड़ें’ कहानी संग्रह आज के प्रतिस्पर्धात्मक व जटिल दौर में जी रहे मानव के विभिन्न स्तरों पर टूटते, दरकते व खंडित होते जीवन मूल्यों के ऐसे चित्र प्रस्तुत…

कोल इंडिया लिमिटेड के चेयरमैन श्री पीएम प्रसाद के जीवन के अनेक अनछुए प्रसंग – (संस्मरण)

श्री पीएम प्रसाद दिनेश कुमार माली जब भी श्री पी.एम.प्रसाद साहब का नाम चर्चा में आता है तो आंखों के सामने उभर आती है एक सौम्य भाव लिए बुद्ध प्रतिमा।…

बेक्ड-बीन्स – (कहानी)

बेक्ड-बीन्स दिव्या माथुर सुपरमार्केट के यूँ ही चक्कर लगते हुए बुढ़िया ने ग्राहकों और लोगों की नज़र से बचते हुए दो छोटे टमाटर और कुछ लाल अँगूर मुँह में रख…

मंगल ही मंगल दीवाली के दिन है – (कविता)

पंकज शर्मा, एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर, आजतक ***** मंगल ही मंगल दीवाली के दिन है खीलों खिलौनों बताशों के दिन हैं,पुरुओं औ दीयों उजासों के दिन हैं,बच्चों के हुल्लड़ खुशहाली के दिन…

चौक पुराये मंगल गायें – (कविता)

डॉ. शिप्रा शिल्पी (कोलोन, जर्मनी) ***** चौक पुराये मंगल गायें चौक पुराये मंगल गायें, आई है दीवालीनाचे-गायें ख़ुशी मनायें, आई है दीवाली धनतेरस खुशहाली लायाजन-जन का है मन हर्षायामिलजुल कर…

हिंदी और डच : विकसित होता आपसी संवाद – (ब्लॉग)

हिंदी और डच : विकसित होता आपसी संवाद रामा तक्षक, नीदरलैंड्स वर्ष 2019, नीदरलैंड्स में भारतीय राजदूत श्री वेणु राजामणि द्वारा एक पुस्तक लिखी गई थी। यह पुस्तक अंग्रेजी भाषा…

इंसानियत तलाशता अनवर सुहैल का उपन्यास ’पहचान’ – (पुस्तक समीक्षा)

इंसानियत तलाशता अनवर सुहैल का उपन्यास ’पहचान’ दिनेश कुमार माली, तालचेर, ओड़िशा हिन्दी के प्रसिद्ध उपन्यासकार अनवर सुहैल का बहुचर्चित उपन्यास ‘पहचान’ सन् 2022 में न्यू वर्ल्ड पब्लिकेशन्स, नई दिल्ली…

उत्तर भारत में मराठी पत्रकारिता के जनक : र. वि. शिरढोणकर – (आलेख)

उत्तर भारत में मराठी पत्रकारिता के जनक : र. वि. शिरढोणकर अलकनन्दा साने जिस कालखंड में बाल गंगाधर तिलक, विष्णु शास्त्री चिपळूनकर जैसे दिग्गज पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्यरत थे,…

हिन्दी आलोचना के आधार स्तंभ : आचार्य रामचंद्र शुक्ल – (आलेख)

आचार्य रामचंद्र शुक्ल अमरनाथ बस्ती (उ.प्र.) जिले के ‘अगोना’ नामक गांव में जन्म लेने वाले, मात्र हाई स्कूल तक की औपचारिक शिक्षा प्राप्त करने वाले और काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में…

श्री ब्रजेन्द्रकुमार सिंहल की कृति ‘महायोगिराज गोरखनाथ’ – (पुस्तक समीक्षा)

‘महायोगिराज गोरखनाथ’ नर्मदा प्रसाद उपाध्याय संसार में गुरु गोरखनाथ ऐसे बिरले उदाहरण हैं जिन्होंने अपने गुरु मत्स्येंद्रनाथ को सन्मार्ग दिखलाया। वे नाथ परंपरा की उज्ज्वल मणि हैं जिनके समूचे व्यक्तित्व…

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