Category: विधा

मराठी-फारसी राज्य व्यवहार कोश की संक्षिप्त जानकारी – (लेख)

मराठी-फारसी राज्य व्यवहार कोश की संक्षिप्त जानकारी ~विजय नगरकर, अहिल्यानगर, महाराष्ट्र छत्रपति शिवाजी महाराज ने राज्य व्यवहार कोश मराठी में जारी किया था। इसके पीछे का इतिहास इस प्रकार है:…

यूक्रेन रूस युद्ध में भाषा विवाद का बारूद – (विचार स्तंभ)

यूक्रेन रूस युद्ध में भाषा विवाद का बारूद ~ विजय नगरकर यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे संघर्ष में भाषा विवाद एक महत्वपूर्ण और जटिल पहलू है, जो दोनों…

 वोदका भरी आँखों वाली लड़की – (कहानी)

वोदका भरी आँखों वाली लड़की – शिखा वार्ष्णेय कुछ कुछ किसी ग्रीक लड़की सा डील- डौल था उसका। लंबा कद, भरा हुआ बदन, लंबे काले बाल, और लंबी चौड़ी सी…

एक गायब हुआ द्वीप : सेंटोरिनी – (यात्रा वृतांत)

एक गायब हुआ द्वीप : सेंटोरिनी – शिखा वार्ष्णेय The lost Atlantis – एक ऐसा द्वीप जो एक रात में गायब हो गया। इसके पीछे कई किंवदंतियाँ हैं, जिन्हें कोई…

वो चाचा निकल गए काये – (कहानी)

वो चाचा निकल गए काये – शिखा वार्ष्णेय शाम के चार बजे रहे थे। धूप के साथ पंछी भी लौटने लगे थे। आँगन में पड़े फोल्डिंग पलंग पर राजवंती, अपने…

विधवा नदी – (कविता)

विधवा नदी शहर के चौखट परबहती थीवो नदीजिसमें गिर करसूरज बुझताऔर चाँदमुँह धो के संवर जाताखुश्क हवाएंछू कर इसकोनम हो जातीसंध्या के अरुण श्रृंगार सेनदी की लहरेंसुहागन बन भाग्य पर…

नदी – (हाइकु)

नदी 1. चीखी थी नदीतट पर उसकीलाशों के ढेर 2. प्रसूता नदीगन्दगी तट परजन्मी थी मौत 3 उछलती थीलगा दिये अंकुशमन नदी पे 4 रोई बहुतऔर खारी हो गयीवो मीठी…

जब प्रवासी साहित्य ने ब्रिटिश साम्राज्य को झुकने पर मजबूर किया – (विचार स्तंभ)

जब प्रवासी साहित्य ने ब्रिटिश साम्राज्य को झुकने पर मजबूर किया – अभिषेक त्रिपाठी, बेलफास्ट,आयरलैंड हिंदी साहित्य की मुख्यधारा में प्रवासी साहित्य को कई बार ऐसा साहित्य माना जाता है,…

नीदरलैंड में भारत प्रेम – (संस्मरण)

नीदरलैंड में भारत प्रेम – प्रो. दिनेश प्रसाद सकलानी मुझे मार्च 2005 में नीदरलैंड (हॉलैण्‍ड) जाने का अवसर मिला। मेरी नीदरलैंड यात्रा के विचार का शुभारंभ जून 2004 में फ्री…

 सुनो बारिश!! – (कविता)

सुनो बारिश!! सुनो बारिश….कुछ पूछना था तुमसे !क्या नभ के वक्ष से निकली महज़ पानी की बूँद हो तुम?या सागर के खारे पानी को सोखकर उसे अमृत जैसा मीठा बनाने…

पतंग – (लघुकथा) 

पतंग – डॉ० दुर्गा सिन्हा ‘उदार’ “यह हरी पतंग किसकी इतनी ऊँची जा रही है?..ज़रा बताना तो?” नीहार ने अपनी सफ़ेद पतंग ऊपर लहराते हुए पूछ लिया, अपने साथी से,…

मुस्कुरा रहे हैं – (ग़ज़ल)

मुस्कुरा रहे हैं तुम्हारे सज़दे में सर झुकायावो ज़िन्दगी को लुभा रहे हैंहैं आँख नम दर्द से दिल है बोझिलये लब हैं जो मुस्कुरा रहे हैं ।। न जीना-मरना है…

दिव्या माथुर के ‘कोरोना-चिल्ला’ कहानी-संग्रह की समीक्षा – (समीक्षा)

‘कोरोना-चिल्ला’ कहानी-संग्रह – अनिल जोशी प्रवासी साहित्य में एक सशक्त भूमिका निबाह रही दिव्या माथुर का नवीनतम कहानी संग्रह, कोरोना-चिल्ला, केन्द्रीय हिंदी संस्थान-आगरा की पुस्तक प्रकाशन परियोजना के तहत प्रकाशित…

दिव्या माथुर के कहानी-संग्रह ‘हिंदी@स्वर्ग.इन’ की समीक्षा – (समीक्षा)

हिंदी@स्वर्ग.इन कमल किशोर गोयनका दिव्या माथुर इंग्लैंड के प्रसिद्ध हिंदी रचनाकारों में से एक हैं। उनकी रचनात्मकता के कई आयाम हैं —कविता, कहानी, नाटक, अनुवाद, फिल्म, गीत, गज़ल, रेडियो एवं…

महात्मा गांधी और हिंदी – (विचार स्तंभ)

महात्मा गांधी और हिंदी – अतुल कुमार प्रभाकर अंग्रेजों ने भारत में अपनी पैठ बनाने के लिए हिंदुओं की पीठ पर हाथ रखा और कहा कि मुसलमान तो बाहर से…

गूगल – कुछ प्रेम कविताएं – (कविता)

गूगल – कुछ प्रेम कविताएं 1. क्या तुम्हारा नाम ’गूगल’ है ?क्यों कि तुम में वो सब है ..जो मैं अक्सर ढूँढता रहता हूँ । 2. मेरा प्रश्न पूरा करने…

कविता बनी – (कविता)

कविता बनी टूटते मूल्योंऔर विश्वासों कीशृंखला में जबखुद की खुद से न बनीकविता बनी कल्पना की उड़ान मेंसपनो के जहान मेंमिट्टी के घरोंदे बनातेजब उँगलियाँ सनीकविता बनी फूलों से गंध…

अगले खम्भे तक का सफ़र – (कविता)

अगले खम्भे तक का सफ़र याद है,तुम और मैंपहाड़ी वाले शहर कीलम्बी, घुमावदार,सड़क परबिना कुछ बोलेहाथ में हाथ डालेबेमतलब, बेपरवाहमीलों चला करते थे,खम्भों को गिना करते थे,और मैं जबचलते चलतेथक…

वर्णमाला में वर्ण नहीं हैं – (विचार-स्तम्भ)

वर्णमाला में वर्ण नहीं हैं – डॉ अशोक बत्रा उस दिन की बात है। कक्षा 9 से 12 तक पढ़ाने वाले अध्यापकों का प्रशिक्षण चल रहा था। मैंने पूछ लिया…

काश कभी ऐसा भी हो – (कविता)

काश कभी ऐसा भी हो काश कभी ऐसा भी होसब नया-नया होआँख खुले सब नया-नया होबस नया-नया होसब नया-नया हो धरती अम्बर चंदा तारेनदियाँ पर्वत और नज़ारेसब में एक उन्माद…

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