Category: एशिया

प्रिये, तुम्हारी आँखें बोलती हैं – (कविता)

प्रिये, तुम्हारी आँखें बोलती हैं अपनी सहधर्मिणी के साथ, दशकों से रहते हुए, अत्यंत निकट से मैंने अनुभव किया कि उसकी आँखें बोलती हैं। जो मनोदशा, भावना शब्दों से निरूपित…

नारी कौशल – (कविता)

नारी कौशल जीवन की उलट-पलट और झंझावतों के बीच, कभी-कभी मन में कई तरह के विचार उठते हैं। और जब मैं अपने आसपास की घटनाओं, विशेषकर अपने निकटम साथी को…

दर्पण और अहम् – (कविता)

दर्पण और अहम् दर्पण और अहम् कविता में द्वन्द्व है। मन के रूपक अहम और सत्य के रूपक दर्पण के बीच, कवि का मन उसका अहम् दर्पण से अपने ही…

हाँ, मेरे कई मन हैं! – (कविता)

हाँ, मेरे कई मन हैं! मन एक बहु आयमी पटल है। मेरे विचार से विश्व का अस्तित्व मात्र मन है, मन है तो विश्व है। यह आशाओं, आकांक्षाओं, संभावनाओं, प्रतिरोध,…

नीटू भैय्या – (संस्मरण)

नीटू भैय्या – हर्ष वर्धन गोयल (सिंगापुर) कुछ वर्ष पूर्व मुझे एक बहुत ही शक्तिशाली विधि का ज्ञान हुआ। जिसके द्वारा हम अपने मन की स्थिति और विचार प्रक्रिया पर…

मैं यमराज नहीं हूँ!! – (संस्मरण)

मैं यमराज नहीं हूँ!! – हर्ष वर्धन गोयल (सिंगापुर) मुझे सिंगापुर में आए अभी कुछ ही वर्ष व्यतीत हुए थे, यहाँ मित्रों और संबंधियों की रिक्तता का आभाव वास्तविक रूप…

काले देवता – (संस्मरण)

काले देवता – हर्ष वर्धन गोयल (सिंगापुर) यह उन दिनों की बात है जब मैं मलेशिया में कार्यरत था, मुझे अपने कार्यालय के द्वारा सायबर जाया में एक परियोजना पर…

अंजू मेहता की लघु कथाएं – (लघु कथा)

चार लघु कथाएं –अंजू मेहता 1. सामान दौड़ते-दौड़ते जल्दी से स्कूल की बस पकड़ी चलती बस में चढ़कर बैठना सचमुच किसी रोमांच से कम नहीं होता है ऐसे में हृदय…

खूब दौड़ने, पढ़ने और मीठा खाने वाली एक जापानी लड़की का अनोखा सपना – (संस्मरण)

खूब दौड़ने, पढ़ने और मीठा खाने वाली एक जापानी लड़की का अनोखा सपना –वेदप्रकाश सिंह, (ओसाका विश्वविद्यालय, जापान) हिंदी पढ़ाते हुए कई बार विद्यार्थियों को सौ-दो सौ शब्दों में अपना…

जापानी राग-मिरवा – (संस्मरण)

जापानी राग-मिरवा वेदप्रकाश सिंह (ओसाका विश्वविद्यालय, जापान) इस समय जापान में बरसात का मौसम है। जून और जुलाई का महीना बरसात के ही नाम होता है। वैसे बारिश तो जापान…

एक प्रवासी की उलझनें – (कविता)

एक प्रवासी की उलझनें अब नहीं रहापहले जैसा असहनीय प्रवासकुछ लोगों के लिएन रहे पहले जैसे प्रवासीप्रवास अब बन चुका हैएक जीवन स्थितिजिसे कभी चाहकरतो कभी मजबूरनस्वीकार करते हैं असंख्य…

2024 साहित्य के नोबेल पुरस्कार विजेता हान कांग की कविता – (कविता)

स्वीडिश एकेडमी ने साहित्य के नोबेल प्राइज 2024 की घोषणा कर दी है, और इस वर्ष यह प्रतिष्ठित पुरस्कार साउथ कोरिया की प्रतिभाशाली लेखिका हान कांग को दिया गया है।…

सिंगापुर में हिंदी – (आलेख)

सिंगापुर में हिंदी -डॉ. संध्या सिंह भारतीय डायस्पोरा का फैलाव विश्व के कई देशों में काफी बड़े स्तर पर है। यह सिर्फ फैलाव ही नहीं है बल्कि उस देश के…

संध्या सिंह – (परिचय)

डॉ संध्या सिंह विभाग प्रमुख- हिंदी व तमिल भाषा नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ़ सिंगापुर पिछले 28 वर्षों से सिंगापुर में निवास करने वाली डॉ संध्या सिंह का हिंदी शिक्षण में सिंगापुर…

कैसे भूला जा सकता है – (कविता)

कैसे भूला जा सकता है कैसे भूला जा सकता हैIIभारत माँ का अनोखा प्यारमाँ के बच्चे थे बड़े मिलनसारढूँढ़ता हुआ हिंदी ज्ञान का सागरज्ञान के साथ ही पाया अपारख़ुशी से…

गुरुदेश ने जो सिखाया – (संस्मरण)

गुरुदेश ने जो सिखाया -अतिला कोतलावल बारिश का मौसम था। रात भर हुई मूसलाधार बारिश के बाद प्रकृति ने कुछ विश्राम का रूप धारण किया। सारा वातावरण ठंडक की चादर…

हिन्दी से जुड़े मेरे सपने – (आलेख)

हिन्दी से जुड़े मेरे सपने -अतिला कोतलावल मैं भी उन स्वप्नदर्शियों में से एक हूँ जो अक्सर सपने देखा करते हैं और उनके साकार होने तक उन्हीं सपनों में विलीन…

अतिला कोतलावल – (परिचय)

अतिला कोतलावल संस्थापक निदेशक – हिंदी संस्थान, श्री लंका शिक्षिका – सवामी विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र, कोलम्बो बाह्य प्राध्यापक – राज्यभाषा विभाग, श्री लंका सरकार बाह्य प्राध्यापक – लघु हिंदी कार्यक्रम,…

श्री लंका में हिंदी की दशा और दिशा – (आलेख)

श्री लंका में हिंदी की दशा और दिशा -अतिला कोतलावल हिंदी मात्र एक भाषा नहीं, बल्कि भारत की साझी विरासत और महान् संस्कृति को विश्व भर में जन-जन तक पहुँचानेवाली…

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