Category: विधा

ममतामयी मिसेज़ वास : एक संस्मरण

आजकल अधिकतर देशों में नारी पुरुष दोनों ही काम करते हैं। अतः उनके छोटे बच्चों के देख-रेख की समस्या भी दिनों दिन बढ़ रही है। टूटते हुए संयुक्त परिवारों ने…

सिनेमाई सितारों का सियासती सफर

सिनेमा के पर्दे पर सफल सितारें , सियासत में भी जोर आजमाईश करते रहें हैं | अभिनय कला में पारंगत होने से, ये रूप बदलने में माहिर होते हैं |…

सिनेमा, मीडिया और समाज

सिनेमा और मीडिया समाज के दर्पण हैं | इस दर्पण में सामाजिक चित्र-बिम्ब अपनी मुखर ध्वनि के साथ प्रतिबिम्बित होते हैं | इन्हें यदि समाज का दिव्य चक्षु कहा जाए…

दादा जी

स्मृति के तारों की झंकार के तीव्र स्वरों में एक स्वर अत्यन्त स्पष्टता से मुखरित हो रहा है। वह स्वर अत्यन्त पुराना तो है पर चितपरिचित भी। वह स्वर है…

भारत एवं चीन में आधुनिक शिक्षा की स्थिति

भारत –चीन विश्व की महान सभ्यताओं में से हैं जहाँ ज्ञान –विज्ञान की लौ सहस्त्राब्दियों से जल रही है I भारत – चीन ने अपनी ज्ञान परंपरा से सम्पूर्ण मानव…

चीन में हिंदी का विकास

भारत एवं चीन विश्व की चार सबसे पुरानी सभ्यता वाले देश हैं जिनके मध्य दो सहस्त्र वर्षों के सांस्कृतिक आदानप्रदान का इतिहास रहा है I दोनों देश सदियों से एक…

चीन में बारिश का रोमांच

“जल” मानव अस्तित्व के अपरिहार्य कारकों में से एक है, इसीलिए मानव सदियों से नदियों के किनारे हीं वास करता आया है। मानव सभ्यता की उत्पति भी नदियों के किनारों…

मेरा न्यायाधीश

हम लोगों के मानस-पथ से न जाने कितने लोग गुज़रे हैं। कुछ लोग हल्के-हल्के क़दम उठाते हुए, कुछ ऐसे ढंग से कि उनके पदचिह्न ढूँढ़े से भी नहीं मिलते, कुछ…

महात्मा गाँधी एवं चीन

भारत एवं चीन विश्व के चार महान सभ्यताओं में शामिल है, दोनों देशों के मध्य २००० वर्षों के मैत्री सम्बन्ध का इतिहास रहा है I दोनों देशों के मध्य उच्च…

अतुल्य भारत

आजादी का अमृत महोत्सव, अपरमित खुशियों का उपहार, असहिष्णुता के विरुद्ध, सहिष्णुता का शंखनाद II अविराम यात्रा का पचहत्तर वर्ष , अमर्त्य वीरों का महान पर्व, प्रगति के पथ पर…

विजयिनी भारतीयता

भूधरा पर आर्ष सभ्यता सबसे न्यारी, सर्वाधिक प्राचीन सनातन संस्कृति हमारी, हमी से सुशिक्षित हुआ था जग सारा , हमी थे वसुंधरा के नायक -उन्नायक II सम्पूर्ण विश्व है परिवार…

सब बिज़ी हैं!

सब बिज़ी हैं! जी, सभी व्यस्त हैं ऐसा भी लिखा जा सकता था किन्तु वह यथार्थ का परिमार्जित संशोधित रुप होता अर्थात् व्याकरणीय छन्नी से छानकर आदर्श की मिलावट के…

स्त्री विमर्श में ‘स्त्री’

दैहिक, वैचारिक, आर्थिक अथवा सामाजिक समता एवं स्वतंत्रता? आख़िर वह कौन सी धुरी है जिसके इर्द-गिर्द, गले में नारीवाद की घंटी लटकाकर कोल्हू के बैल सदृश जुते हुए विचारक, वर्षों…

 “कपास मार्ग ” का शोध – अध्ययन  -< ह्वांग ताओ फ़ो> उपन्यास से प्रारंभ

मूल लेखक – प्रो. यु लोंग यू , निर्देशक , भारत अध्ययन केंद्र , शनचन विश्ववविद्यालय , चीन अनुवादक – डॉ. विवेक मणि त्रिपाठी , एसोसिएट प्रोफ़ेसर (हिंदी ), क्वान्ग्तोंग…

विश्व हिन्दी दिवस विशेष आलेख

10 जनवरी 1974 में नागपुर में आयोजित पहले विश्व हिंदी सम्मेलन की वर्षगाँठ को चिह्नित करने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के द्वारा 10 जनवरी 2006 से एक…

पुरस्कृत कविता

किन्हीं कम प्रसिद्ध कविवर के काव्य-संकलन को जब साहित्य के श्रेष्ठ सम्मान से पुरस्कृत किया गया तो मन में जिज्ञासा जागी कि तनिक उनकी कविताओं का आस्वादन किया जाए। हम…

अतिथि देवो भव:

घर के अहाते में क़दम रखते ही गुड्डी की नज़र बरामदे में टंगे हुए डंडों पर झूलते नए पर्दों पर गई । प्रतिदिन की तरह विद्यालय से लौटते ही वह…

हाथी के दाँत

मेज़ पर जमी हुई धूल को तर्जनी ऊँगली से हटाते हुए और उसे शेष उंगलियों से रगड़कर झाड़ते हुए शर्मा जी झुंझलाए और फिर ऊँचे स्वर में कामिनी को पुकारते…

इक भारत मुझ में बसता है

इस प्रवासी काया में मेरा देसी मन ये कहता है, मैं जाऊँ जहाँ, जहाँ भी रहूँ इक भारत मुझमें बसता है । बेहतर कल की आशा में हमने लाँघी देश…

अतीत के अवशेष

समय की मार ने उधेड़ दी है घर के दीवारों की चमड़ी बुज़ुर्ग छत पर पड़ गयी हैं सिलवटें झुर्रीदार दरवाज़ों की भिंची हुई मुट्ठियाँ पड़ती जा रही हैं नरम…

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