Category: आलेख

मराठी-फारसी राज्य व्यवहार कोश की संक्षिप्त जानकारी – (लेख)

मराठी-फारसी राज्य व्यवहार कोश की संक्षिप्त जानकारी ~विजय नगरकर, अहिल्यानगर, महाराष्ट्र छत्रपति शिवाजी महाराज ने राज्य व्यवहार कोश मराठी में जारी किया था। इसके पीछे का इतिहास इस प्रकार है:…

यूक्रेन रूस युद्ध में भाषा विवाद का बारूद – (विचार स्तंभ)

यूक्रेन रूस युद्ध में भाषा विवाद का बारूद ~ विजय नगरकर यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे संघर्ष में भाषा विवाद एक महत्वपूर्ण और जटिल पहलू है, जो दोनों…

महात्मा गांधी और हिंदी – (विचार स्तंभ)

महात्मा गांधी और हिंदी – अतुल कुमार प्रभाकर अंग्रेजों ने भारत में अपनी पैठ बनाने के लिए हिंदुओं की पीठ पर हाथ रखा और कहा कि मुसलमान तो बाहर से…

वर्णमाला में वर्ण नहीं हैं – (विचार-स्तम्भ)

वर्णमाला में वर्ण नहीं हैं – डॉ अशोक बत्रा उस दिन की बात है। कक्षा 9 से 12 तक पढ़ाने वाले अध्यापकों का प्रशिक्षण चल रहा था। मैंने पूछ लिया…

शाहीर योगेश – मराठी और हिंदी शाहिरी कला का एक अमूल्य नायक – (आलेख)

शाहीर योगेश – मराठी और हिंदी शाहिरी कला का एक अमूल्य नायक ~ विजय नगरकर देश धरम पर मिटने वाला।शेर शिवा का छावा था।।महापराक्रमी परम प्रतापी।एक ही शंभू राजा था।।…

राजभाषा हिंदी प्रचार प्रसार में एण्ड्राइड मोबाइल की भूमिका

राजभाषा हिंदी प्रचार प्रसार में एण्ड्राइड मोबाइल की भूमिका – विजय प्रभाकर नगरकर आधुनिक तकनीकी विकास के साथ भाषा का विस्तार भी धीरे धीरे बढ़ रहा है। । सूचना प्रौद्योगिकी…

आगे आगे होता है क्या! – (विचार स्तंभ)

आगे आगे होता है क्या! – डॉ अशोक कुमार बत्रा लगभग 20 वर्ष पहले की बात है। चुनावों की तैयारियाँ चल रही थीं। दोपहर 2.30 बजे के आसपास मेरे घर…

हिंदी की राजभाषा यात्रा – (आलेख)

हिंदी की राजभाषा यात्रा ~ विजय नगरकर अभी तक विश्व के अनेक देशों में राजभाषा स्वीकृत नहीं हुई है। इसी तरह राष्ट्रभाषा का भी मामला अनेक देशों में लंबित है।…

संतचरित्रकार संत कवि महीपती – (शोध आलेख)

संतचरित्रकार संत कवि महीपती मराठी संत कवी व संत चरित्रकार महिपती ने उत्तर भारत और महाराष्ट्र के अनेक संतों का परिचय ‘भक्तविजय ‘ मराठी ग्रंथ द्वारा प्रदान किया है। जिसका…

जगद्गुरु संत तुकाराम – (शोध आलेख)

जगद्गुरु संत तुकाराम ~ विजय नगरकर, अहमदनगर, महाराष्ट्र पंढरपुर स्थित विठ्ठल भगवान के वारकरी संप्रदाय के प्रमुख संतों में संत तुकाराम का नाम बहुत आदरपूर्वक लिया जाता है। संत तुकाराम…

मॉरीशस देश में महाशिवरात्रि का पर्व – (आलेख – दिन विशेष)

मॉरीशस देश में महाशिवरात्रि का पर्व (– सुनीता पाहूजा) महाशिवरात्रि का पर्व भारत में अत्यंत हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। वर्षभर में 12 शिवरात्रियाँ होती हैं परंतु इनमें महाशिवरात्रि…

शिव विरोधाभासी प्रतीकों के परे हैं – (आलेख – महाशिवरात्रि पर विशेष प्रस्तुति)

शिव विरोधाभासी प्रतीकों के परे हैं – अनिल जोशी मेरा भी पहला संपर्क शिव से रामकथा के माध्यम से आया आता है। रामकथा में हम पाते हैं कि रावण पर…

छायावाद हिंदी साहित्य के उत्थान की काव्य-धारा – (कविता)

छायावाद हिंदी साहित्य के उत्थान की काव्य-धारा – डॉ अर्जुन गुप्ता ‘गुंजन’, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश हिन्दी साहित्य के आधुनिक काल में द्विवेदी युग के बाद के काल को छायावादी युग…

गुजराती और हिंदी के अंतर्संबंध – (आलेख)

गुजराती और हिंदी के अंतर्संबंध – (आलोक गुप्त : पूर्व प्रोफेसर, गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय एवं पूर्व फेलो, भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, शिमला) इस लेख में गुजराती और हिंदी के संबंध…

ज़मीं खा गई आसमां कैसे कैसे – (आलेख)

ज़मीं खा गई आसमां कैसे कैसे – मीनाक्षी जोशी फिल्मी दुनिया की चकाचौंध, ग्लेमर, धन और यश की क्षणभंगुरता से कौन परिचित नहीं है? न जाने कितने सितारे रोज नए…

वेदान्त दर्शन – (आलेख)

वेदान्त दर्शन आइए देखते हैं कि स्वामी विवेकानंद ने वेदान्त दर्शन के विषय में क्या लिखा है। उनके विचारों का सार “Selections from the Complete Works of Swami Vivekananda” (प्रकाशन…

अद्भुत भाषा संस्कृत – (आलेख)

अद्भुत भाषा संस्कृत संस्कृत में 1700 धातुएं, 70 प्रत्यय और 80 उपसर्ग हैं, इनके योग से जो शब्द बनते हैं, उनकी संख्या 27 लाख 20 हजार होती है। यदि दो…

वेदांत से वैराग्य – (आलेख)

वेदांत से वैराग्य -सुरेश पटवा आध्यात्मिक ग्रंथ उन ऊंचाइयों पर सृजित होते हैं जहाँ नाम, रूप, काल, दिग, दिशायें सब खो जाते है। साधक के भीतर खिला हुआ शून्‍य, ज्ञान…

तमिल रामायण ‘रामावतारम्’ : एक विवेचन – (आलेख)

तमिल रामायण ‘रामावतारम्’ : एक विवेचन (-डॉ. दंडिभोट्ला नागेश्वर राव) भारत में नैतिक मूल्यों की स्थापना में साहित्य का विशेष स्थान है। काव्य-सौंदर्य के प्रतिमानों में सामाजिक एवं सामूहिक हित…

‘जीवन एक अहर्निश यात्रा : दिव्या माथुर’ – (आलेख)

जीवन एक अहर्निश यात्रा : दिव्या माथुर -अनिल जोशीanilhindi@gmail.com दिव्या जी वास्तविक अर्थों में एक वैश्विक प्राणी हैं। पिछले कुछ महीनों में लंदन- दिल्ली, मुंबई, मारिशस, लंदन और अब सिंगापुर…

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