आगे आगे होता है क्या! – (विचार स्तंभ)
आगे आगे होता है क्या! – डॉ अशोक कुमार बत्रा लगभग 20 वर्ष पहले की बात है। चुनावों की तैयारियाँ चल रही थीं। दोपहर 2.30 बजे के आसपास मेरे घर…
हिंदी का वैश्विक मंच
आगे आगे होता है क्या! – डॉ अशोक कुमार बत्रा लगभग 20 वर्ष पहले की बात है। चुनावों की तैयारियाँ चल रही थीं। दोपहर 2.30 बजे के आसपास मेरे घर…
डॉ. मदनलाल मधु : बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी डॉ. मदनलाल मधु एक प्रसिद्ध भारतीय लेखक, अनुवादक, पत्रकार और अध्यापक थे। उन्होंने अपने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया,…
बासंती हवा पोर पोर में फूल खिले हैंरोम रोम खुशबू से भरानाच रहा है मन मेरा याझूम रहे आकाश धरा दिखे अधिक पीली मुझकोया किसी ने रंग डाली सरसोंमहक रही…
हिंदी की राजभाषा यात्रा ~ विजय नगरकर अभी तक विश्व के अनेक देशों में राजभाषा स्वीकृत नहीं हुई है। इसी तरह राष्ट्रभाषा का भी मामला अनेक देशों में लंबित है।…
स्पेन में हिन्दी – पूजा अनिल मैं यह मानती हूँ कि भाषाएँ नदी की धारा की तरह होती हैं, जहाँ राह मिल गई, उसी तरफ आबाद हो जाती हैं। हमारी…
काव्य संगोष्ठी एवं काव्यांजलि साहित्य सम्मान समारोह का हुआ आयोजन श्री वेंक्टेश्वरा विश्वविद्यालय एवं वीजीआई मेरठ के संयुक्त तत्वाधान में विख्यात कवि कुँवर बेचैन की स्मृति में दिनांक 25 फरवरी…
जय वर्मा प्रवासी हिंदी की एक सुप्रसिद्ध साहित्यकार हैं। 1 मार्च 2025 जय वर्मा का 75वां जन्मदिन था। उन्होंने अपने परिवार के बीच सादगी से इस दिन को मनाया। वे…
आस्ट्रेलिया में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का आयोजन ILASA ने ‘अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस’ का आयोजन किया। इसमें हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती, बांग्ला, राजस्थानी, सिंधी, कच्छी, उर्दू कवि अपनी मातृभाषा में कविताएँ सुनाई।…
पुस्तक ‘लिखी कागद कोरे’ का विमोचन समारोह संपन्न हुआ गुरुग्राम के ‘द पियानो मैन’ में 1 मार्च 2025 को एक यादगार साहित्यिक संध्या का आयोजन हुआ, जिसमें लेखिका, कवयित्री, चित्रकार…
सुनो अमीनी दरख़्त की डाल…ऊंची फुनगी पे बैठीगौरैया से बतियातीअपनी जिज्ञासा रोक नहीं पायी…इक दिन सवाल कर ही बैठी… उड़ान के हौंसलेकहाँ से लाती हो तुम…?चीलों, गिद्दों और बाज़ की…
औरतें खिलखिलाती धूप सीऔरतेंअलसुबह चूल्हे को लीपतीगुनगुनाती हैंअलसाई तंद्रा को भगानेखदबदाते पानी के धुएँ मेंतलाशती हैंखुशियों की फरमाइशेंऔरनन्हें हाथों मेंचाँद सी रोटी थमाबोसा लेकेभरपूर मुस्कुराती हैं। पूरे दिन कोठेंगा दिखाचल…
आहट सर्द रातों मेंकोहरे को चीरतीएक सुलगी सी आहटबेलाग लिपट जाती हैबारंबार कुनकुनी धूप कोअपनी दोहर में लपेटे..! कभीचादर की सलवटों मेंउदासी की संतप्त सांसेंबीतने नहीं देतींसिरफिरी ख्वाहिशों कोउनकी उद्दाम…
युयुत्सु किसने चाहा युयुत्सु बनना..?सत्य के पक्ष में डटे रहनासमय की नंगी तलवार पे चलनावो भी बिना डगमगाए…!!!कुछसत्ता के पक्षधरअक्सर प्रश्नों के बवंडरउड़ा देते हैंआँखों में धूल की मोटी परत…
नोरिन शर्मा अनुभव एवम उपलब्धियां: 1. शिक्षाविद् 33 वर्ष (एहलकॉन पब्लिक स्कूल) 2.लेखन : (क) उल्लास (व्याकरण पुस्तक शृंखला-कक्षा ६से८) (ख) नवीन हिंदी व्यावहारिक व्याकरण और रचना (१-८) 3. सांझा…
भारतीय उच्चायोग सिंगापुर की ओर से ‘भारत को जानें क्विज़ प्रतियोगिता 2024’ का आयोजन भारतीय उच्चायोग सिंगापुर की ओर से आयोजित भारत को जानें क्विज़ प्रतियोगिता 2024 के शीर्ष प्रतिभागियों…
डायरी के पन्ने से……द रिफ्यूज़ कलेक्टर – उषा राजे सक्सेना मेरी अपनी सांस्कृतिक पहचान और मूल्य जो इस ब्रिटिश समाज के दबदबे में खो गए थे। आज इस इनसेट (इन-सर्विस…
मेरा अपराध – उषा राजे सक्सेना उन दिनों मेरे पिता पोर्टस्मथ में एक जहाजी बेड़े पर काम करते थे। उनकी अनुपस्थिति और अकेलेपन को न झेल पाने के कारण मेरी…
दर्द का रिश्ता… – उषा राजे सक्सेना मिहिर-मंजरी का गठबंधन न तो कोई इत्तफाक था और ना ही किसी दबाव का परिणाम। उनका विवाह माँ दयामयी, मिहिर के माता-पिता और…
उषा राजे सक्सेना जन्म : 22 नवंबर, 1943. स्थान : गोरखपुर, उत्तर प्रदेश, भारत। शिक्षा : स्नाकोत्तर अंग्रेजी साहित्य, गोरखपुर विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश, ई.एस.एल, लंदन, यू.के.। ब्रिटेन में आगमन :…