मराठी कवि अशोक नायगांवकर की कविता का हिंदी अनुवाद – (अनुवाद)
(समाज सुधारक और देश में नारी को शिक्षा देने के लिए पहला स्कूल पुणे में खोलने वाले ज्योतिबा फुले पर लिखी गयी मराठी कविता का हिंदी अनुवाद) ज्योतिबा धन्यवाद ज्योतिबाधन्यवाद।आप…
हिंदी का वैश्विक मंच
(समाज सुधारक और देश में नारी को शिक्षा देने के लिए पहला स्कूल पुणे में खोलने वाले ज्योतिबा फुले पर लिखी गयी मराठी कविता का हिंदी अनुवाद) ज्योतिबा धन्यवाद ज्योतिबाधन्यवाद।आप…
माँ माँ एक नाम हैअपने आप भरा पूराघर में जैसे एक गाँव है,सभी में मौजूद रहती हैअब इस दुनिया से दूर हैलेकिन कोई मानता नहीं।मेला खत्म हुआ, दुकानें उठ गईपरदेस…
समर्पण अनुभूतियों के सभी दरवाजेबंद करने के बादधीरे धीरे खुलने लगती है –संदेह की पुरानी खिड़कियां बहस-दर-बहस का मरहम लगाकरमिटते नहीं कलह के घावबल्किऔर अधिक गहरे होते जाते हैं। ऐसे…
हिंदी दिवस पर अनिता कपूर रचित हाइकु 1 प्रवास में भीमहक रही हिन्दीजैसे गुलाब 2 मैं हुई मीरातुमको माना कान्हाहिन्दी बाँसुरी 3 हिन्दी हो तुमभावों की अभिव्यक्तिदिव्य भास्कर 4 चांदी-सी…
इसी पल जब सपाट आवाज़ मेंडुबो देती है उदासीऔर भूल जाते हो तुम बात करनाठीक उस वक्त से मैं मुरझाने लगती हूँठूँठ की तरहक्यों सूखा देते हो तुम मुझेइस मौसम…
https://www.youtube.com/watch?v=DeNJdRmX6cs
76 वाँ गणतंत्र मेरा देश वह साइकिल हैजिसे 540 गण चला रहे हैं300 चला रहे हैं दिन रात पैडलबाकी मिलकर ब्रेक लगा रहे हैं। कोई दाहिनी ब्रेक तो कोई वामकोई…
संज्ञा बोली सर्वनाम से न जाने क्योंसंज्ञा और सर्वनाम मेंतकरार हो गईसर्वनाम बना हुआ था ढालऔर संज्ञा तलवार हो गई! वो सर्वनाम से बोली —अरे मेरे चाकर!मेरे आश्रित!मेरे पालतू!और फालतू!मेरी…
उपसर्ग और शब्द हम भगतसिंह हैं, आज़ाद हैंहम करोड़ों नहींदस बीस होते हैमाना कि हम कटे हुए शीश होते हैंहम कौम के लिए उत्सर्ग होते हैंहम शब्द नहीं, उपसर्ग होते…
उक्ति के बहाने से कुछ भी कहावो वाक्य हैअपना मत रखातो कथन हैकथन की ओर उँगलीउक्ति हैसारगर्भितया कि मर्मबेधक उक्तिसूक्ति हैऔर बरसों बरस का अनुभवचढ़ जाएलोगों की जुबान परतो लोकोक्ति…
मुहावरे और लोकोक्ति की भिड़ंत एक दिनमुहावरे और लोकोक्ति मेंहो गई जिद्दबाजीकदम पीछे हटाने कोन मुहावरा राजीन लोकोक्ति राजी! मुहावरे ने उचक कर कहा —तुम खुद को समझती क्या हो?तुम…
गणित और साहित्य पता नहीं कौन-सा काँटागणित के दिल में पैठ गयाकि एक दिन साहित्य से ऐंठ गयाबोला —अबे ओ साहबजादे साहित्य!कहते होंगे लोग तुझे आदित्य!पर यह मत भूलआदित्य की…
आगे आगे होता है क्या! – डॉ अशोक कुमार बत्रा लगभग 20 वर्ष पहले की बात है। चुनावों की तैयारियाँ चल रही थीं। दोपहर 2.30 बजे के आसपास मेरे घर…
डॉ. मदनलाल मधु : बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी डॉ. मदनलाल मधु एक प्रसिद्ध भारतीय लेखक, अनुवादक, पत्रकार और अध्यापक थे। उन्होंने अपने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया,…
बासंती हवा पोर पोर में फूल खिले हैंरोम रोम खुशबू से भरानाच रहा है मन मेरा याझूम रहे आकाश धरा दिखे अधिक पीली मुझकोया किसी ने रंग डाली सरसोंमहक रही…
हिंदी की राजभाषा यात्रा ~ विजय नगरकर अभी तक विश्व के अनेक देशों में राजभाषा स्वीकृत नहीं हुई है। इसी तरह राष्ट्रभाषा का भी मामला अनेक देशों में लंबित है।…
स्पेन में हिन्दी – पूजा अनिल मैं यह मानती हूँ कि भाषाएँ नदी की धारा की तरह होती हैं, जहाँ राह मिल गई, उसी तरफ आबाद हो जाती हैं। हमारी…
काव्य संगोष्ठी एवं काव्यांजलि साहित्य सम्मान समारोह का हुआ आयोजन श्री वेंक्टेश्वरा विश्वविद्यालय एवं वीजीआई मेरठ के संयुक्त तत्वाधान में विख्यात कवि कुँवर बेचैन की स्मृति में दिनांक 25 फरवरी…
जय वर्मा प्रवासी हिंदी की एक सुप्रसिद्ध साहित्यकार हैं। 1 मार्च 2025 जय वर्मा का 75वां जन्मदिन था। उन्होंने अपने परिवार के बीच सादगी से इस दिन को मनाया। वे…