छायावाद हिंदी साहित्य के उत्थान की काव्य-धारा – (कविता)
छायावाद हिंदी साहित्य के उत्थान की काव्य-धारा – डॉ अर्जुन गुप्ता ‘गुंजन’, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश हिन्दी साहित्य के आधुनिक काल में द्विवेदी युग के बाद के काल को छायावादी युग…
हिंदी का वैश्विक मंच
छायावाद हिंदी साहित्य के उत्थान की काव्य-धारा – डॉ अर्जुन गुप्ता ‘गुंजन’, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश हिन्दी साहित्य के आधुनिक काल में द्विवेदी युग के बाद के काल को छायावादी युग…
समय का प्रबल चक्र यह प्रबल समय का चक्र चलाजो चुप करके सह जाना होगा। नियति के क़दम किस तरफ़ चलेख़ुद न समझे तो समझाना होगासचमुच जीवन है एक पहेलीजिसे…
सरोजिनी जौहर जन्म: लाहौर, पाकिस्तान (तत्कालीन भारत) शिक्षा: पंजाब वि.वि. से बी.ए. हिन्दी विशेष की उपाधि और बम्बई वि.वि. से संस्कृत में परीक्षाएँ वर्तमान निवास: स्कारबरो, ओंटारियो साहित्य क्षेत्र: १९९५…
एक नयी सिन्ड्रेला – डॉ संतोष गोयल सिन्ड्रेला की कहानी उसके प्रिय राजकुमार के आने तथा अपने साथ अपने घर ले जाने के बाद समाप्त हो जाती है, पर मेरी…
डॉ संन्तोष गोयल 2. साहित्यिक लेखन . कहानी संग्रह: नये प्रकाशन विशेष – सन्तोष गोयल का सृजन यात्रा 🙂 एक परख सम्पादक-: डा कमलेश सचदेव (सह सम्पादक “संचेतना ” पत्रिका)…
अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर आज अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस है। विभाजन के बाद पाकिस्तान ने उर्दू को अपनी राजभाषा घोषित किया था। पूर्वी पाकिस्तान (आज का बांग्लादेश) बांग्लाभाषी था। वहाँ छात्रों…
कवि अनिल शर्मा ‘जोशी’ की ‘नींद कहाँ है’ की समीक्षा – मनीष पाण्डेय अनिल शर्मा ‘जोशी’ वैश्विक स्तर पर हिंदी भाषा और साहित्य जगत के जाने माने नाम हैं। भारत…
पावन प्रेम तुम्हारा पाकर पावन प्रेम तुम्हारा पाकरपूजनीय हो जाऊँगा।शरच्चंद्र के जैसा इक दिनमैं भी पूजा जाऊँगा॥ मेरे कृष्णपक्ष पर कोईध्यान कभी भी नहीं दिया।तुमने मान मयंक मुझे निजआजीवन सकलंक…
जीवन का सारांश निराशा जीवन का सारांश निराशा।झूठमूठ है हर इक आशा॥भीतर ही भगवान छुपा हैबाहर तो बस खेल तमाशा॥ सपने में सोना जगना क्या।दूर स्वयं से ही भगना क्या॥नींद…
आप की ख़ासियत आप की ख़ासियत आप ही आप हो।ख़ुद ही फ़ीता हो ख़ुद का औ ख़ुद माप हो॥ हो भला कोई कैसे बड़ा आपसेआप तो हो बड़े ख़ुद के…
ज़िंदगी से प्यार करके देख तो ज़िंदगी से प्यार करके देख तो।मौत से तक़रार करके देख तो॥बुज़दिली काफ़ूर सब हो जायेगी।हौसला इकबार करके देख तो॥ जीत जायेगा तू हर इक…
संदीप त्यागी ’दीप’ ब्रैम्पटन (ओंटेरियो) कैनेडा जन्म: 1977 ई. सि सौना, जनपद-बिजनौर (उ. प्र.) भारत संप्रति : प्रो. शेरिडन कॉलेज (ओकविल, ओंटेरियो, कैनेडा) शिक्षा: विद्याभास्कर: (गुरुकुल महाविद्यालय ज्वालापुर (हरिद्वार); सिद्धान्त-शास्त्री:…
अबकी दीवाली अबकी दीवाली कुछ ऐसे मनाएँस्याह मनों के, धुल सब जाएँ! नेह जले सतत प्रेम भावों कीबाती बन रहे संवेदना मन कीदीये बन रहे तन की मिट्टी केजीवन प्रकाश…
दंगों वाली रात छलनी करती कुछ यादें सीने कोपर याद न वो दिल से मिटने पायेंकुछ ज़ख़्म दिल के सदा रिसते हैंरिसने दो, घाव ना वो भर जायें भूल नहीं…
चंदा, क्या तुम भी एकाकी हो? जीवन के दीर्घ विस्तार समानफैले इस अनंत आसमानकी इस मधुमय सावन-संध्या मेंशायद मुझ सी बिन साथी होचंदा, क्या तुम भी एकाकी हो? पावस का…
मेरी बिटिया, मेरी मुनिया पूजा के थाल का चंदन हो तुमफूलों की ख़ुशबू, रंगत हो तुम जैसे भजनों की भावना हो तुमजैसे ईश की उपासना हो तुम! हो सर्दी की…
संदीप कुमार सिंह जन्म स्थान: राँची, झारखंड वर्तमान निवास: टोरोंटो, कॅनडा: शिक्षा: बी.ई.; एमबीए, पीएमपी, सीएससीएमपी संप्रति : डायरेक्टर, स्पलाई चेन (पब्लिक सेक्टर) प्रकाशित रचनाएँ: साहित्य कुंज, विविध इंटरनेट पत्रिकाएँ…
वफ़ा वफ़ा ज्यूँ हमने निभायी, कोई निभाये क्यूँकिसी के ताने पे दुनिया को छोड़ जाये क्यूँ॥ कराह आह-ओ-फ़ुग़ाँ न कभी जो सुन पायाग़रज़ पे अपनी बार-बार वह बुलाये क्यूँ॥ सही-ग़लत…
भाव-बेभाव प्रेम तुम समझे नहीं, तो हम बताते भी तो क्याथे रक़ीबों से घिरे तुम, हम बुलाते भी तो क्या वस्ल के क़िस्से ही सारे, नींद अपनी ले गयेविरह के…
भय बच रहा था आप सबसे कल तलक सहमा हुआअब बड़ा महफूज़ हूँ मैं कब्र में जाने के बाद। मौत का अब डर भी यारो हो गया काफूर हैज़िंदगी की…