Category: एशिया

अर्मेनियन कवि वाहान तेरयान की कविताएँ

अर्मेनियन कवि वाहान तेरयान की कविताएँ अलविदा तुम चले जाते हो – पता नहीं कहाँ,चुप और उदास,एक विनम्र पीले सितारे की तरह। मैं चला जाता हूँ अकेला-उदासअसामयिकफूल से गिरती हुई…

वाहान तेरयान – (परिचय)

वाहान तेरयान (१८८५-१९२०) अर्मेनियन प्रसिद्ध लेखक, कवि, गीतकार, सामाजिक विचारक और राजनीतिज्ञ थे। एक कवि जिन्होंने अर्मेनियन साहित्य के विकास की प्रक्रिया घुमा दिया। वाहान तेरयान अर्मेनियन काव्य के एक…

गायाने आग़ामालयान – (परिचय)

गायाने आग़ामालयान मेरा नाम गायाने है, मेरा उपनाम अग़ामालयान है। मेरा जन्म आर्मेनिया में हुआ था, मैं आर्मेनिया और जॉर्जिया में रहती हूं। मैं पेशे से भाषाशास्त्री-अनुवादिका हूं। मैंने अर्मेनियाई…

नार दोस – (परिचय)

नार दोस असली नाम : माइकल होवनहिस्यान जन्म : 1 मार्च, 1867, तिफ्लिस में निधन : 13 जुलाई, 1933 (आयु 66 वर्ष) टिफ्लिस में नार दोस का जन्म 1867 में…

ऋपसिमे नेरसिस्यान

ऋपसिमे नेरसिस्यान जन्म-तिथि : १९ फ़रवरी, १९८५ जन्म स्थान : अर्मेनिया, येरेवान शिक्षा : 1. येरेवान की मानविकी संस्थान /२००३-२००७/, २. केंद्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा, भारत, /२००७-२००८/, ३. येरेवान स्टेट…

चला आया हूँ – (कविता)

चला आया हूँ चला आया हूँ, उस दौर को छोड़कर,उस खेल को छोड़कर, उस छाँव को छोड़कर।आ गया हूँ, कहाँ, पूछता हूँ खुद से,जाना कहाँ है, ये भी नहीं है…

गांधी के सपनों का भारत, आ निकला है किस ये पथ पर – (कविता)

गांधी के सपनों का भारत, आ निकला है किस ये पथ पर उम्र जवां है, उमड़ा यौवन, दिल मे लेकिन चुभता नश्तर।।बोस, आजाद, बिस्मिल, जैसे थे मणि के हीरे।चमक रहे…

शर्म की बात है! – (कविता)

शर्म की बात है! बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ,नारा तुम लगाते हो।आती है जब बात न्याय की,चुप्पी साध क्यों जाते हो?आठ साल की बच्ची थी वो,थी वो दुनियाँ से अनजान।बनाया उसको…

इंसाफ का सवाल – (कविता)

इंसाफ का सवाल वाह रे मेरे देश के इंसान,मारते हो इक छोटी सी बच्ची,और चिल्लाते हो,मेरा भारत महान।वाह रे, मेरे देश के फ़नकार,खिताब न लौटाओगे अब,बैनर न लगाओगे अब,अरे झूठे…

अलविदा कलाम! – (कविता)

अलविदा कलाम! कहाँ चल दिये यूँ छोड़ कर हमें,अभी तो बहुत सारे काम बाकी हैं!आपने कहा था सोने न दें जो, वो हैं सपनें,अभी तो उन सपनों की उड़ान बाकी…

मेरी नवल जवानी – (कविता)

मेरी नवल जवानी ऊँचे पर्वत, नीला आसमाँ, नौका और पतवार।मेरी नवल जवानी को छू जाती, शीतल मंद बयार।। प्रकृति का सौंदर्य, और सूर्य की मुस्कान।मिल जाये जहाँ, उसे ही तू…

सूर्य प्रताप सिंह

डॉ. सूर्य प्रताप सिंह डॉ. सूर्य प्रताप सिंह वर्तमान में टोक्यो में रहते हैं और अनुबंध के आधार पर टोक्यो मेट्रोपॉलिटन विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं।…

माँ देवी अहिल्याबाई होळकर – (कविता)

माँ देवी अहिल्याबाई होळकर मन्दिर टूटे, मुरत टूटी, हुआ धर्म पर कुटील प्रहारमाँ देवी अहिल्याबाई ने किया सबका जीर्णोद्धार जनमी किसान के घर में, तो बहू थी वो राजघराने कीराज…

समय पखेरू – (कविता)

समय पखेरू समय पखेरू उड़ता जाता लेकर अपने संग हमेंसुख-दुःख के दिखलाते जाता नए नए से रंग हमें कर्म किया और फल की इच्छा, मानव को संतोष नहींजैसी करनी, वैसी…

मन मंथन – (कविता)

मन मंथन सोचता हूं मन में मेरे जाने क्या क्या चल रहा है,आग जैसे बह रही है, पानी जैसे जल रहा है मेरे अन्दर एक जंगल जाने कब से बस…

सीता-लक्ष्मण संवाद – (कविता)

सीता-लक्ष्मण संवाद सौमित्र तुम्हे हैं धन्यवाद वन निर्जन में पहुंचाते होमेरी नियती के लेखे को पढने से क्यूँ सकुचाते होराजाज्ञा पालन करने में लक्ष्मण व्यर्थ मत करों शोकअपनी गति बहता…

राम भजन – (कविता)

राम भजन रामा रघु नंदना, रामा रघु नंदनाचरण कमल कब ले आओगे दाता मेरे अंगनारामा रघु नंदना कब से तेरी राह निहारूंअपना सब कुछ तुझ पर वीरूंतेरे दरस से जनम…

लेकर के अगला जन्म – (कविता)

लेकर के अगला जन्म जो इस हृदय में है छुपी वो बात न बतला सकूँलेकर के अगला जन्म ही शायद मैं तुझको पा सकूँ संग में हवाओं के बसंती खुशबू…

जोगिया तेरे प्रीत का रंग – (कविता)

जोगिया तेरे प्रीत का रंग न रंग जोगिया मोहे अपने तू रंग मेंचाहूँ मैं रंगना अपने ही ढंग में तेरे ही रंग में रंग जो गई मैंमैं न रही मैं,…

 मन की गाड़ी – (कविता)

मन की गाड़ी मन की गाड़ी रेल गाड़ी छूक छूक चलती हैपीछे पीछे जाती है येतेज़ नहीं चल पाती है येभूले बिसरे कुछ मोड़ों परसीटी जोर बजाती है येइसकी पटरी…

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