पहाड़ों के बीच धर्मों का संगम : राजगीर – (यात्रा संस्मरण)
पहाड़ों के बीच धर्मों का संगम : राजगीर डॉ वरुण कुमार दिल्ली आने के बाद मैं जब भी मैं अपने कोलकातावासी मित्र अनिल जी से पूछता हूँ – “कहीं गए?”…
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पहाड़ों के बीच धर्मों का संगम : राजगीर डॉ वरुण कुमार दिल्ली आने के बाद मैं जब भी मैं अपने कोलकातावासी मित्र अनिल जी से पूछता हूँ – “कहीं गए?”…
दर्पणों की गली – वरुण कुमार “यह रात जैसे दर्पणों की गली हो और तुम एक अकेली चांदनी बनकर निकली हो…” छत की रेलिंग पर भिंचे अपने हाथ की उंगलियों…
जिन्दगी बड़ा सच – वरुण कुमार अस्पताल का गमगीन माहौल। सभी के चेहरे बुझे हुए। मृत्यु की घटना के ऩजदीक में होने का अनुभव भी कितना अवसन्नकारी होता है। डेड…
वेनिस का सौदागर : यहूदी घृणा की जड़ें डॉ वरुण कुमार दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान नाजी सरकार द्वारा यहूदियों का नरसंहार बीसवीं सदी की हृदयविदारक घटनाओं में से एक है,…
साहित्य की प्रभाव क्षमता और हिन्दी समाज डॉ० वरुण कुमार कवि कुछ ऐसी तान सुनाओजिससे उथल पुथल मच जाएएक हिलोर इधर से आए,एक हिलोर उधर से आएहाहाकार महा छा जाए।…
आधुनिक कविता में छंद और लय का अतिक्रमण -डॉ० वरुण कुमार एक पाठक की कविता की पहचान सामान्यतः जिस चीज से शुरू होती है वह है छंद। छंद में बंधी…
डॉ० वरुण कुमार निदेशक, रेल मंत्रालय। जन्म : दिसम्बर १९६४, मुंगेर (बिहार) संपर्क सूत्र : मेल पता : bkumar1964@gmail.com मोबाईल : 7827935451