Category: विजय प्रभाकर नगरकर

डॉ. लता सुमंत – (हिंदी के विकास में हिंदीतर)

डॉ. लता सुमंत : एक बहुआयामी साहित्यकार डॉ.विजय नगरकर परिचय डॉ. लता सुमंत का नाम हिंदी, मराठी और गुजराती साहित्य जगत में एक प्रतिष्ठित और सशक्त रचनाकार के रूप में…

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: उर्दू और हिंदी एक भाषा, भाषा को धर्म से न जोड़ा जाए – (आलेख)

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: उर्दू और हिंदी एक भाषा, भाषा को धर्म से न जोड़ा जाए विजय नगरकर, अहिल्यानगर, महाराष्ट्र वादी: श्रीमती वर्षताई पत्नी श्री संजय बागड़ेप्रतिवादी: महाराष्ट्र राज्य…

प्रवासियों की कहानियाँ और व्यथाएँ : प्रवासियों का विश्व – (पुस्तक समीक्षा)

प्रवासियों की कहानियाँ और व्यथाएँ : प्रवासियों का विश्व विजय नगरकर, अहिल्यानगर, महाराष्ट्र इस विशाल पृथ्वी के खंडित भूभागों पर अंकित मानव सभ्यता के पदचिह्न मानो उसकी सार्वकालिक भ्रमंती (घुमक्कड़ी)…

डॉ. आंबेडकर का भाषण (4 नवम्बर 1948, संविधान सभा) :

डॉ. आंबेडकर का भाषण प्रस्तुति- विजय नगरकर, अहिल्यानगर, महाराष्ट्र > “मैं यह मानता हूँ कि हिंदी को राजभाषा बनाया जाना एक उचित कदम है, लेकिन इसे थोपा नहीं जाना चाहिए।…

डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की भाषा नीति – (शोध आलेख)

डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की भाषा नीति ~ विजय नगरकर, अहिल्यानगर, महाराष्ट्र डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर, जिन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया और जो भारतीय संविधान के मुख्य वास्तुकार थे, ने…

गुणाकर मुळे : विज्ञान लेखन से हिंदी की समृद्धि – (हिंदी के विकास में हिंदीतर)

गुणाकर मुळे : विज्ञान लेखन से हिंदी की समृद्धि गुणाकर मुळे ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से गणित में एम.ए. पूरा किया और विज्ञान, इतिहास, और संस्कृति पर स्वतंत्र रूप से लेखन…

दक्षिण एशिया में भाषाओं के विकास पर पेगी मोहन की अंतर्दृष्टि – (पुस्तक समीक्षा)

दक्षिण एशिया में भाषाओं के विकास पर पेगी मोहन की अंतर्दृष्टि ~ विजय नगरकर, अहिल्यानगर, महाराष्ट्र भूमिका:भाषाओं का विकास किसी समाज के सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और राजनीतिक बदलावों का सजीव प्रतिबिंब…

ग्रोक (Grok  xAI) से बातचीत – (साक्षात्कार)

ग्रोक (Grok xAI) से बातचीत ~ विजय नगरकर आजकल सोशल मीडिया पर कृत्रिम बुद्धि आधारित ग्रोक (Grok xAI) की भाषा और उत्तर देने की शैली पर बहुत चर्चा हो रही…

विनोद कुमार शुक्ल को ज्ञानपीठ पुरस्कार: एक साहित्यिक कृति का सम्मान – (सूचना)

हाल ही में एक महत्वपूर्ण साहित्यिक घटनाक्रम में, प्रख्यात हिंदी लेखक विनोद कुमार शुक्ल को प्रतिष्ठित ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार न केवल…

डॉ. एच. बालसुब्रहमण्यम – (हिंदी के विकास में हिंदीतर)

डॉ. एच. बालसुब्रहमण्यम : एक बहुआयामी साहित्यिक व्यक्तित्व ~ विजय नगरकर डॉ. एच. बालसुब्रहमण्यम हिंदी साहित्य और अनुवाद के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित नाम हैं। वे लेखन, अनुवाद, संपादन और…

मराठी-फारसी राज्य व्यवहार कोश की संक्षिप्त जानकारी – (लेख)

मराठी-फारसी राज्य व्यवहार कोश की संक्षिप्त जानकारी ~विजय नगरकर, अहिल्यानगर, महाराष्ट्र छत्रपति शिवाजी महाराज ने राज्य व्यवहार कोश मराठी में जारी किया था। इसके पीछे का इतिहास इस प्रकार है:…

यूक्रेन रूस युद्ध में भाषा विवाद का बारूद – (विचार स्तंभ)

यूक्रेन रूस युद्ध में भाषा विवाद का बारूद ~ विजय नगरकर यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे संघर्ष में भाषा विवाद एक महत्वपूर्ण और जटिल पहलू है, जो दोनों…

मनोहरमयुम यमुनादेवी – (हिंदी के विकास में हिंदीतर)

मनोहरमयुम यमुनादेवी (श्रीमती): भाषा और साहित्य की समर्पित साधिका मनोहरमयुम यमुनादेवी (श्रीमती) एक बहुआयामी व्यक्तित्व की धनी हैं। वे एक कुशल प्रशासक, भाषाविद, साहित्यकार और समाजसेवी के रूप में जानी…

सुत्री मुदियंसेलागे इन्द्रा कुमारी दसनायक – (हिंदी के विकास में हिंदीतर)

सुत्री मुदियंसेलागे इन्द्रा कुमारी दसनायक : सिंहली और हिंदी भाषा का पुल सुत्री मुदियंसेलागे इन्द्रा कुमारी दसनायक एक बहुआयामी व्यक्तित्व हैं, जिन्होंने हिंदी भाषा और साहित्य के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण…

शाहीर योगेश – मराठी और हिंदी शाहिरी कला का एक अमूल्य नायक – (आलेख)

शाहीर योगेश – मराठी और हिंदी शाहिरी कला का एक अमूल्य नायक ~ विजय नगरकर देश धरम पर मिटने वाला।शेर शिवा का छावा था।।महापराक्रमी परम प्रतापी।एक ही शंभू राजा था।।…

राजभाषा हिंदी प्रचार प्रसार में एण्ड्राइड मोबाइल की भूमिका

राजभाषा हिंदी प्रचार प्रसार में एण्ड्राइड मोबाइल की भूमिका – विजय प्रभाकर नगरकर आधुनिक तकनीकी विकास के साथ भाषा का विस्तार भी धीरे धीरे बढ़ रहा है। । सूचना प्रौद्योगिकी…

मराठी कवि इंद्रजीत भालेराव की कविता का हिंदी अनुवाद – (अनुवाद)

गौरैया पिताजी कहते थेकाटे हुए नाखूनदरवाजे के सामनेकभी मत फेंकना,दाना समझकरचुन लेती है, गौरैयाऔरपेट की अंतड़िया टूटकरतड़पकर मरती है गौरैया, फसल कटाई खत्म होते हीपिताजी मंदिर जाकरबंदनवार में अनाज के…

मराठी कवि अशोक नायगांवकर की कविता का हिंदी अनुवाद – (अनुवाद)

(समाज सुधारक और देश में नारी को शिक्षा देने के लिए पहला स्कूल पुणे में खोलने वाले ज्योतिबा फुले पर लिखी गयी मराठी कविता का हिंदी अनुवाद) ज्योतिबा धन्यवाद ज्योतिबाधन्यवाद।आप…

मराठी कवि फ मु शिंदे की कविता का हिंदी अनुवाद – (अनुवाद)

माँ माँ एक नाम हैअपने आप भरा पूराघर में जैसे एक गाँव है,सभी में मौजूद रहती हैअब इस दुनिया से दूर हैलेकिन कोई मानता नहीं।मेला खत्म हुआ, दुकानें उठ गईपरदेस…

मराठी कवि शशिकांत शिंदे की मराठी कविता ‘समर्पण’ का हिंदी अनुवाद – (अनुवाद)

समर्पण अनुभूतियों के सभी दरवाजेबंद करने के बादधीरे धीरे खुलने लगती है –संदेह की पुरानी खिड़कियां बहस-दर-बहस का मरहम लगाकरमिटते नहीं कलह के घावबल्किऔर अधिक गहरे होते जाते हैं। ऐसे…

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