Author: वैश्विक हिंदी परिवार

यूक्रेनी कवि वसील स्तूस का हिंदी कविता – (अनुवाद)

मूल कविता : वसील स्तूस अनुवाद : यूरी बोत्वींकिन Ярій, душе… Ярій, душе. Ярій, а не ридай.У білій стужі сонце України.А ти шукай — червону тінь калинина чорних водах —…

अंतरराष्ट्रीय भारतीय भाषा सम्मलेन 2025 – (सूचना)

अंतरराष्ट्रीय भारतीय भाषा सम्मेलन 2025,10 से 12 जनवरी 2025,दिल्ली,भारत में पंजीकरण के लिए गूगल फॉर्म का प्रयोग करें। https://forms.gle/xAgsQjfY6bBqLr7S7

एकाकी चलती जाऊँगी – (कविता)

एकाकी चलती जाऊँगी एकाकी चलती जाऊँगी। रोकेंगी बाधाएँ फिर भीबाँधेंगी विपदाएँ फिर भीराहें नई बनाऊँगीएकाकी चलती जाऊँगी। संकल्पों के सेतु होंगेनिष्ठा दिशा दिखाएगीसाहस होगा पथ प्रदर्शकआशा ज्योत जलाएगी विश्वासों के…

तारक चुनरी – (कविता)

तारक चुनरी कौन जुलाहातारक चुनरीबुनता सारी रात ? किरणों से करता नक्काशीबेल मोतिया टाँकेजूही-चंपा सजी पाँखुरीमोल भाव न आँके शरद चाँदनी जड़ी किनारीघूँघरू जोड़े साथचतुर जुलाहा तारक चुनरीबुनता सारी रात।…

मद्धम – (कविता)

मद्धम चाँद मद्धम, रात मद्धमरात की हर बात मद्धम। नभ की नीली नीलिमा मेंदीप झिलमिला रहेकाँपते अधर धरा केगीत गुनगुना रहे सुर मद्धम, ताल मद्धमबज रहे हैं साज मद्धम। अंग-अंग…

बड़े हो गए हम – (कविता)

बड़े हो गए हम ज़रूरी नहीं अबकिसी का अनुमोदनबड़े हो गए हम। औरों की सुनी थीमन की ना मानीकमी थी,या खूबीना जानी,पहचानी विवादों ने घेरापरे हो गए हम। अनचीन्हा कोईभय…

ओढ़ली हैं चुप्पियाँ – (कविता)

ओढ़ ली हैं चुप्पियाँ ओढ़ ली हैं चुप्पियाँसिल गए अधर भीएक से लगने लगेघर भी – खंडहर भी । आँख से कह दियाभूल जा भीगनामन को समझा दियाछोड़ दे रीझना…

थके हैं मगर – (कविता)

थके हैं मगर, हारे नहीं थके हैं मगर, हारे नहींभीड़ जैसे ही हैं , कोई न्यारे नहीं। चौराहे मिले या दोराहे मिलेहम अपनी ही राहें बनाते रहेलाख भटकन लिपटी पड़ी…

आशीष में जुड़ें हाथ – (संस्मरण)

आशीष में जुड़ें हाथ – शशि पाधा अपने पैंतीस वर्ष के सैनिक जीवन में कितने ही लोगों से मिली हूँ, कितनी छावनियाँ देखी हैं। कुछ ऐसे पल, कुछ ऐसे व्यक्ति…

एक नदी : एक पुल – (संस्मरण)

एक नदी : एक पुल – शशि पाधा एक सैनिक अधिकारी की पत्नी होने के नाते मैंने अपने जीवन के लगभग ३५ वर्ष वीरता, साहस एवं सौहार्द से परिपूर्ण वातावरण…

निर्भीक योद्धा : मेजर मोहित शर्मा, अशोक चक्र, सेना मेडल – (आलेख)

निर्भीक योद्धा : मेजर मोहित शर्मा, अशोक चक्र, सेना मेडल – (आलेख) – शशि पाधा वर्ष 1857 से 1947 तक के इतिहास को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के नाम से जाना…

जीवन में सफलता का रहस्य : भावनात्मक बुद्धिमत्ता – (आलेख)

जीवन में सफलता का रहस्य : भावनात्मक बुद्धिमत्ता – शशि पाधा जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में प्राणी सफलता के उच्चतम शिखर पर पहुँचने की अभिलाषा रखता है और इसके लिये…

भूत और भविष्य के सेतु : बुज़ुर्ग – (आलेख)

भूत और भविष्य के सेतु : बुज़ुर्ग – शशि पाधा घनी शाखाओं वाले विशाल वटवृक्ष की ठण्डी छाँव हर प्राणी को राहत देती है और चिन्ताएँ हर लेती है। जो…

शशि पाधा – (परिचय)

शशि पाधा शशि पाधा एक प्रतिष्ठित लेखिका एवं शिक्षिका हैं. जिनकी लेखनी ने साहित्य जगत में विशेष पहचान बनाई है| इन्होंने एम् ए हिंदी, एम् ए संस्कृत एवं बी एड…

अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन – (रविवारीय कार्यक्रम की रिपोर्ट 29.12.24)

अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन स्नेह ,प्रेम जोड़ आपस में, बहार चमन में लाता है, नया वर्ष जब आता है। आंग्ल वर्ष 2024 के समापन और नूतन वर्ष 2025 की आहट के…

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