कब तक ? – (कविता)
– अनिल वर्मा, ऑस्ट्रेलिया कब तक ? कल तक आँख में चुभन थीआज देखता हूँ यहाँ नज़ारा ही बदला है सोचता हूँप्रकृति ने दोनों आँखें आगे लगायी हैं ताकि कदम…
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– अनिल वर्मा, ऑस्ट्रेलिया कब तक ? कल तक आँख में चुभन थीआज देखता हूँ यहाँ नज़ारा ही बदला है सोचता हूँप्रकृति ने दोनों आँखें आगे लगायी हैं ताकि कदम…
– अनिल वर्मा, ऑस्ट्रेलिया संस्कार जड़ ने कहा तने सेछाया विस्तार ले, अपरिमित प्यार देइसलिए तने रहो, बने रहो तना बोला डाली सेफैलो पर याद रहे, किस वृक्ष की तुम…
– अनिल वर्मा, ऑस्ट्रेलिया बंजारा मन बंजर तनबंजारा मनकहाँ कहाँ न हारा मनजहाँ कहीं भी चोट लगीवहीं गया दोबारा मन ख़्वाबों के तिनके चुन चुनयादों के धागों से बुननीड़ बनाया…
अनिल वर्मा, ऑस्ट्रेलिया स्वीकृति स्वीकृतिहमारे स्व की आकृति हैजो हमारी खुशियों का, कल्पना का,हृदय का विस्तार हैहमें स्वीकार है एक खुशबू है हवा मेंप्रेरणा है गति मेंअच्छा-सा लगता हैतुम्हारी उपस्थिति…
– अनिल वर्मा, ऑस्ट्रेलिया कहो तो कहो, तुम्हारा परिचय क्या है ? सृष्टि-द्वार पर दिवा-रात्रि काउषा-निशा ले आना जानाबदली में छिप कर बिजली काआवेशित संगीत सुनाना संसृति रंगमंच पर प्रतिपलअभिमंत्रित…
– अनिल वर्मा, ऑस्ट्रेलिया अलग-अलग कुछ शब्द पड़े थे कोने में स्वर देकर तुमने समझायाअन्तर होने, न होने में जैसे ठंढी की रातों मेंकुछ जागे-जागे, कुछ विस्मृतसपनों पर कोई छलका…
‘स्नेह मिलन’ कार्यक्रम प्रस्तुति -खुला मंच के तत्वावधान मे ‘स्नेह मिलन’ कार्यक्रम का आयोजन फरीदाबाद सेक्टर 46 में अनीता वर्मा के निवास स्थान पर किया गया। सुविख्यात ग़ज़लकार, गीतकार डॉ…
–अनिल वर्मा, ऑस्ट्रेलिया खामोशी हद से ज्यादा बढ़ी है खामोशीअर्चियों की लड़ी है खामोशी ऐसा क्या खो गया है मेले मेंबुत-सी गुमसुम खड़ी है खामोशी हुए हम कैद ख़ुद की…
–अनिल वर्मा, ऑस्ट्रेलिया नाम नाम शब्द सेशब्द अक्षर सेअक्षर ध्वनि सेध्वनि कम्पन से कम्पन स्वयं-निनादित भव सेभव सम्भव हो सका भाव सेया सब लीला के प्रभाव से ? इस प्रभाव…
अनिल वर्मा अनिल वर्मा की यात्रा बिहार से सिडनी तक; विज्ञान से कविता तक; सौंदर्य से प्रार्थना तक रही है। पेशे से एक वरिष्ठ कम्प्यूटर टेक्नोलोजिस्ट और दिल से एक…
साहित्यिक मिलन, लोकार्पण और काव्य गोष्ठी शनिवार, मई 24 को हिंदी राइटर्स गिल्ड कैनेडा और विश्वरंग के तत्वावधान में डॉ हंसादीप और धर्मपाल जैन जी के घर एक बहुत ही…
अनुभौ उतरयो पार! डॉ. अशोक बत्रा, गुरुग्राम कबीर का जीवन ही दर्शन पर आधारित था। उन्होंने जो देखा, उसी को कहा। किसी किताब-विताब के चक़्कर में नहीं रहे। कहते हैं,…
राष्ट्रीय साहित्य अकादमी के अध्यक्ष डॉ. माधव कौशिक को दोस्तोएवस्की स्टार अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। यह रशिया का सबसे बड़ा लिटरेरी अवॉर्ड माना जाता है। यह सम्मान डॉ. कौशिक…
हिंदी ओलंपियाड २०२५ फ़्लायर का लोकार्पण भारतीय दूतावास, कुवैत, नेशनल काउन्सिल फॉर कल्चर, आर्ट्स एंड लिटरेचर तथा कुवैत हेरिटेज सोसाइटी एवं नेशनल आर्काइव ऑफ इंडिया और मिनिस्ट्री ऑफ इनफॉर्मेशन एंड…
Deepa Bhatti – अनीता वर्मा कन्नड़ लेखिका बानू मुश्ताक को उनके अंग्रेज़ी में अनूदित कहानी संग्रह ‘हार्ट लैंप’ के लिए प्रदान किया गया है। इन कहानियों का कन्नड़ से अनुवाद…
गोवर्धनसिंह फ़ौदार ‘सच्चिदानन्द’, मॉरीशस सिंदूर जान हथेली ले उतरे हैं, अपने सारे वीर।बदला ये सिंदूर का आज, ले पोंछेंगे नीर।। पानी सिर से हुआ है उपर,खैर नहीं इस बार।कुचलने फ़न…
गोवर्धनसिंह फ़ौदार ‘सच्चिदानन्द’ अवकाश प्राप्त सरकारी कर्मचारी। हिन्दी-भोजपुरी भाषा प्रेमी। वर्तमान में मॉरीशस तथा भारत के विभिन्न साहित्यिक संस्थाओं में, जिनमें मंथनश्री, वर्तिका, विश्व हिन्दी साहित्यिक समूह, जागरण, आभा साहित्य…
डिजिटल हिन्दी की यात्रा भूमंडलीकरण ने हमारे सामाजिक एवं सांस्कृतिक जीवन के साथ-साथ भारतीय भाषाओं को भी काफी प्रभावित किया है। आज के यांत्रिक युग में भाषा का प्रयोग केवल…
© विनयशील चतुर्वेदी ग़ज़ल रहते हैं किस तौर यहाँ पर हाल न पूछोमिलती है किस भाव यहाँ पर दाल न पूछो आत्महत्या पर खेतिहर की भी साहब जीहंसते हैं कि…
डॉ. इंगीता चड्ढा (ठक्कर), ऑस्ट्रेलिया चाय नहीं तो चाह नहीं मेरा घरोंदा… और मेरी चाय,कितना मदहोश नशा है ये।चलो फिर,उगते और डूबते सूरज के साथचाय पीते हैं।रिमझिम बारिश,और तेरा मादक…