ब्रजेंद्र कुमार भगत ‘मधुकर’ – (परिचय)
ब्रजेंद्र कुमार भगत ‘मधुकर’ राष्ट्रकवि (मॉरीशस) हिंदी, भोजपुरी, फ्रेंच एवं अंग्रेज़ी भाषाओं पर समान अधिकार रखने वाले थे। कलम के धनी तो थे ही, प्रौढ़ता के साथ अनेक विधाओं में…
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ब्रजेंद्र कुमार भगत ‘मधुकर’ राष्ट्रकवि (मॉरीशस) हिंदी, भोजपुरी, फ्रेंच एवं अंग्रेज़ी भाषाओं पर समान अधिकार रखने वाले थे। कलम के धनी तो थे ही, प्रौढ़ता के साथ अनेक विधाओं में…
मॉरीशस के नवोदित एवं वरिष्ठ हिंदी लेखकों के साथ सम्मिलन का आयोजन हुआ सोमवार 21 अप्रैल, 2025 को वैलिंग्टन हिंदी विद्यालय, न्यूज़ीलैंड की अध्यक्षा श्रीमती सुनीता नारायण जी का विश्व…
काव्यरंग की अध्यक्ष 75 वर्षीय श्रीमती जय वर्मा का 23 अप्रैल 2025, रात 03.30 बजे निधन हो गया। जय वर्मा ने नॉटिंघम को City of Literature घोषित करवाने में महत्वपूर्ण…
मॉरीशस में हुआ विश्व रंग अंतरराष्ट्रीय हिंदी ओलंपियाड– 2025 का पोस्टर लोकार्पित मॉरीशस में विश्व रंग अंतरराष्ट्रीय हिन्दी ओलंपियाड–2025 का पोस्टर महात्मा गांधी संस्थान (मारीशस) में भाषा संकाय के अध्यक्ष…
मंदिरों के आलोक में – पुनः वारंगल वरुण कुमार “रह न जाए मेरी-तेरी बात आधी…” मन को संतोष न था। इतनी चीजें देखी और सोची थीं, किंतु अभिव्यक्ति एक ही…
राजभाषा संस्मरण ~ विजय नगरकर, महाराष्ट्र हमारे ज़िले के उस शांत और नैसर्गिक ग्रामीण क्षेत्र में स्थित महाविद्यालय का वातावरण आज भी मेरी स्मृति में ताज़ा है। मुझे वहाँ हिंदी…
https://www.youtube.com/watch?v=aKND2GkSeRI
अपनी राह की अन्वेषक -प्रेम जन्मेजय 1969 में दिल्ली विश्वविद्यालय की आर्टस फैक्लटी में मेरे साहित्यिक व्यक्तित्व का निर्माण करने वाले शिक्षाकाल का आंरभ हुआ तो लगा कि कुएं से…
लिस्बन विश्वविद्यालय, पुर्तगाल में ‘विश्व रंग अंतरराष्ट्रीय हिंदी ओलम्पियाड-2025 का पोस्टर हुआ लोकार्पित लिस्बन विश्वविद्यालय, पुर्तगाल में विश्व हिंदी दिवस समारोह के अवसर पर विश्व रंग अंतरराष्ट्रीय हिंदी ओलम्पियाड-2025 के…
अमरेन्द्र कुमार, अमेरिका आदमी और कबूतर (१) नाम देकरसभ्यता का विकासछीन करधरती और आकाशबनाये जा रहेकंक्रीट के दरबेतैयारी हो चुकी है पूरीआदमी को कबूतर बनाने की (२) कबूतरशांति का प्रतीक…
अमरेन्द्र कुमार, अमेरिका पावस (१) जाते-जातेसावन डाकिये नेबचे बादलों के बण्डल कोबढ़ा दिया भादों कोताकि धरती परजल का वितरणहोता रहे निरंतर-निर्बाध| (२) सूरज साहब के नामधूप की छुट्टियों की अर्जीबंद…
अमरेन्द्र कुमार, अमेरिका समय सबसे बड़ा छन्ना समय सबसे बड़ा छन्नाठोस रह जाता हैतरल बह जाता है. मौन सबसे बड़ा संवादकोलाहल से आगेअनकहा कह जाता है. दुर्ग हो असत्य काचाहे…
अमरेन्द्र कुमार, अमेरिका आत्मा की अदालत ईमान के लिए अगरबिगाड़ की बात करोगे?अपनी बर्बादी का गड्ढाक्या खुद खोदोगे? किसी का कुछ जायेगा नहींअपना नुकसान आप भरोगे अलगू चौधरी के कामजुम्मन…
मनाली के इग्लू (दूसरा दिन) मनोज श्रीवास्तव ‘अनाम’ 22 जनवरी 2021 ऊंघते पहाड़ों के बीच घुमावदार सड़कों पर बस आगे बढ़ती अपने पीछे जंगल, बस्ती एवं छोटी – छोटी दुकानों…
एक दिन सुबह अमरेन्द्र कुमार, अमेरिका अपनी नौकरी से रिटायर होने के बाद एक एकदम नये और अंजाने शहर में बसने का फैसला मेरा ही था। फैसलों में किसी की…
पुस्तक हमारी मित्र (वर्ल्ड ऑफ़ चिल्ड्रेन आर्ट एंड कल्चर मंच) वर्ल्ड ऑफ़ चिल्ड्रेन आर्ट एंड कल्चर व हिंदी की गूंज संस्था के सौजन्य से “पुस्तक हमारी मित्र” विषय पर एक…
विपक्ष की कलम से – अमरेन्द्र कुमार, अमेरिका आज तक आपने सरकार की बातें ही सुनी हैं। आज मैं विपक्ष आपसे इस लेख के माध्यम से कुछ साझा करना चाहता…
अमरेन्द्र कुमार, अमेरिका ग़ज़ल -1 सब दिन ही मालिक केसब दिन ही हैं अच्छे। तम के झोंके सहतेतन के ये घर कच्चे। हम भी अब हो जाएबच्चे मन के सच्चे।…
संगीता चौबे पंखुड़ी, कुवैत ***** लेखनी में धार हो वीर रस की हो प्रचुरता, ओज का अंगार हो।हर सदी की माँग है यह, लेखनी में धार हो ।। लिख सके…