Category: भौगोलिक इकाई

सुनिए – (कविता)

सुनिए कोई सुने तो मैं सुनाऊँवो सब कुछ जो सुनाने वाला हैपर आजकल हर कोईकेवल सुना रहा हैसुन नहीं रहा है कोईआम आदमी आजकलव्यस्त हैसुधारने मेंकौन सुधर रहा है उसके…

मक्खी – (कविता)

मक्खी मक्खी जब उड़ जाती हैतो कहाँ जाती हैकहाँ जाती हैअपने घर जाती हैअपने घर जाती हैपर, बीच रस्ते में उसे गुड़ की याद आती हैउसे गुड़ की याद आती…

कील – (कविता)

कील मैं यदि जूता होतातो होता तुम्हारे पाँव मेंपरंतु मैं जूता नहींकील हूँशुक्र मनाओमैं नहीं हूँउस जूते मेंजो है तुम्हारे पाँव में! ***** – निखिल कौशिक

 बादल- धरती – (कविता)

बादल- धरती बादल हैऔर पेड़ भीधरती हैऔर पाँव भी हैधरती परकहाँ बरसेगाऔर कौन सा बादलकब टूटेगाऔर कौन सा फलफटेगी धरतीअचानकऔर किस पाँव तलेकौन जाने! ***** – निखिल कौशिक

जान पहचान – (कविता)

जान पहचान मैं बहुत लोगो को जानता हूँजिनमे से अधिकांश लोग भी बहुत लोगों को जानते हैंकुछ जानते हैं दर्जनों कोकुछ पहचानते हैं सैंकड़ो कोइस तरह हज़ार, लाख करोड़ लोगों…

इतने – (कविता)

इतने इतने- इतने सारे लोगइतना- इतना कुछ कर सकते हैंपरंतुइतना- इतना भी नहीं करतेकी सुन सकें इतनी- इतनी सी बाततभी तोइतने- इतने हो सकते हैंपर इतने- इतने से होकर रह…

स्वप्न – (कविता)

स्वप्न स्वप्न आते हैंकबूतरों की तरहमन की मुंडेर पर बैठ जाते हैंफड्फड़ाते हैंकलम जाल कैद कर पाये जब तकउड़ जाते हैंफिर आते हैं कभीकभी नहीं भी आते हैंऔर जितने आते…

भारत – (कविता)

भारत मैं भारत हूँ जो आज सुनोवही भारत था बरसों पहलेबरसों से भी बरसों पहलेसदियों से भी सदियों पहले लेते हो तुम क्या टोह मेरीबस चंद बरसों की उम्र बताकभी…

भारत का काला धन – (कविता)

भारत का काला धन परदेस में जमा हैभारत का धनभारत का काला धनसोना- चाँदी- रुपया- आना- पैसा- पाईऔर मेरे जैसे कुछ एन आर आईयही है भारत का धन – भारत…

कोई लहर – (कविता)

कोई लहर समुन्द्र की कौन सी लहरहमें ले जायेगी किनारेकौन सा किनाराहमें थाम लेगामट्टी का कौन सा हिस्सा हमेंजकड लेगाहम नहीं जानतेन ही जानना चाहते हैंक्योंकि जान नहीं पायेंगेबस यही…

निखिल कौशिक की कविताएँ – (कविता)

निखिल कौशिक की कविताएँ 1- सुख है जीवनदुख है जीवनतू हैं जीवनमैं हूँ जीवनकहाँ है जीवनयहाँ है जीवनवहाँ है जीवनरहने दे इसकोयहीं है जीवन 2- मेरी आवाजमेरी जेब से आती…

बड़ा महत्व है – (कविता)

बड़ा महत्व है विकास में विरासत का,क़ानून में सियासत का,प्रांतों में रियासत का,भारतीयों में आतिथ्य का बड़ा महत्त्व है। वर्ड ट्रेड में टैरिफ़ का,वीसा में मेरिट का,व्यापार में क्रेडिट का,स्थिरता…

उमेश ताम्बी – (परिचय)

उमेश ताम्बी संस्कृति और सृजन के ध्वजवाहक नागपुर के समीप तुमसर में जन्मे उमेश ताम्बी 1999 से अपने परिवार के साथ फिलाडेल्फिया, अमेरिका में निवास कर रहे हैं। सॉफ्टवेयर क्षेत्र…

एक पक्षी की डायरी – (कहानी)

एक पक्षी की डायरी -अमरेन्द्र कुमार (१) जब मेरा जन्म हुआ तो मैं अपनी प्रजाति के अन्य पक्षियों के जैसा ही दिखता था, मेरे माता-पिता ने मुझे ऐसा बतलाया और…

अमरेन्द्र कुमार – (परिचय)

अमरेन्द्र कुमार अमरेन्द्र कुमार का जन्म बिहार के मुज़फ्फ़रपुर में हुआ| आपने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुज़फ्फ़रपुर से और इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री इलाहाबाद के मोतीलाल नेहरु नेशनल इन्स्टीट्यूट आफ…

ऐसी बानी बोलिए _कबीरा आपा  खोए LOL – (व्यंग्य आलेख)

ऐसी बानी बोलिए _कबीरा आपा खोए LOL -डॉ शिप्रा शिल्पी सक्सेना, कोलोन , जर्मनी ऐसी बानी बोलिए मन का आपा खोए।औरन को शीतल करे आपहु शीतल होय। 15 वीं शताब्दी…

                               पिता… – (संस्मण)

पिता… – यूरी बोत्वींकिन खुले मैदान में सोवियत आर्मी के सैन्य अभ्यास चल रहे थे। नवशिक्षित जवान टैंक चलाने की परीक्षा दे रहे थे। हर परीक्षार्थी के साथ एक अनुभवी…

बिन मोबाइल के दिन – (कविता)

बिन मोबाइल के दिन हमने भी की बचपन में मस्तीकलम-दवात भी थीं बड़ी सस्ती। रात में लालटेन या लैंप जलाकरहाथ से मच्छर मार-मार करतैयारी इम्तहान की करते थेवह दिन बिन…

सुत्री मुदियंसेलागे इन्द्रा कुमारी दसनायक – (हिंदी के विकास में हिंदीतर)

सुत्री मुदियंसेलागे इन्द्रा कुमारी दसनायक : सिंहली और हिंदी भाषा का पुल सुत्री मुदियंसेलागे इन्द्रा कुमारी दसनायक एक बहुआयामी व्यक्तित्व हैं, जिन्होंने हिंदी भाषा और साहित्य के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण…

बुल्गारिया का पर्व मार्तेनित्सा – (आलेख)

बुल्गारिया का पर्व मार्तेनित्सा लोहित नभ, श्वेत धरा – मार्तेनित्सा का आशीर्वाद मार्तेनित्सा – यह केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि प्रेम, शांति, और सौभाग्य का प्रतीक है। यह पर्व बुल्गारिया…

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