Category: प्रवासी रचनाकार

उसका नाम – (कहानी)

उसका नाम – आस्था नवल, वर्जीनया, यू एस ए हम अपने आस पास कितनी ही कहानियाँ बुन सकते हैं। पता नहीं कहानी बुनने की ज़रूरत होती है या कहानी पहचाननी…

अमरीका में आई.ए.एस. – (कहानी)

अमरीका में आई.ए.एस. आस्था नवल, वर्जीनया, यू एस ए बड़े शहर के पास स्थि‍त एक छोटा शहर अमरीका के छोटे शहर का एक मामूली-सा मोहल्‍ला। ऐसा मोहल्‍ला जिसमें रहने वाले…

देवी पूजन – (कहानी)

देवी पूजन – आस्था नवल, वर्जीनया, यू एस ए उत्तराखण्ड के भव्य मंदिरों में से एक मंदिर के सबसे बड़े पुरोहित जी ने अपने बेटे को अंग्रेज़ी माध्यम स्कूल से…

अमेरिका में हिन्दी एवं देवनागरी लिपि – (आलेख)

अमेरिका में हिन्दी एवं देवनागरी लिपि – विनीता तिवारी, वर्जीनिया, अमेरिका विनीता तिवारी, वर्जीनिया, अमेरिका द यूनाइटेड स्टेट्स आफ़ अमेरिका, देश- दुनिया के सभी लोगों को अपनी और आकर्षित करने…

सावन – (गीत)

– विनीता तिवारी, वर्जीनिया, अमेरिका *** *** *** सावन——— सावन की रिमझिम बौछारभीग रहा मन भाव पसारटप टप बूँदों सी थिरकूँ मैंगाऊँ पी संग राग मल्हार नाचे मोर पपीहा बोलेफुदक…

बसंत ऋतु – (गीत)

– विनीता तिवारी, वर्जीनिया, अमेरिका *** *** *** बसंत ऋतु————— ऋतु बसंत की सुन किलकारीसजी धरा की क्यारी-क्यारी। लाल गुलाबी पीले रंग मेंभ्रमरों की गुनगुन ले संग मेंकलियों ने आरती…

भूल रहे सब भाईचारा – (कविता)

– विनीता तिवारी, वर्जीनिया, अमेरिका *** *** *** भूल रहे सब भाईचारा————————- हर भाषा कोदूसरी भाषा से ख़तरा हैहर इंसान यहाँतरकीबों का पिंजरा हैकैसे,किससे आगे निकलेकैसे, किसकोपीछे छोड़ेंभाषा हो याराष्ट्र,…

सपने और अपने – (कविता)

बचपन में देखे थे सपने सोचा, पूरे होंगे एक दिन लेकिन जब वो उम्र हुई कुछ करने की कर जाने की सपनों को सच बनाने की तो सलाह मिली अपनों…

एक जीवन हूँ – (कविता)

एक ख़ामोशी सी रहती है जाने मुझसे क्या कहती है सोचा करती कि कौन हूँ मैं अपने ही तन में मौन हूँ मैं क्यूँ शांत स्वरूप सी फिरती हूँ कुछ…

विनीता तिवारी की ग़ज़लें – (ग़ज़ल)

विनीता तिवारी की ग़ज़लें – विनीता तिवारी, वर्जीनिया, अमेरिका *** ** *** ** *** ग़ज़ल-1 तेरा मुझसे मुझको चुराना ग़ज़ब है।चुराना, फिर अपना बताना ग़ज़ब है। यूँ ही रात ख़्वाबों…

मालिनी – (कहानी)

मालिनी – डॉ स्मिता सिंह मालिनी ने कभी एक निर्णय लिया था कि कभी भी भारत नहीं लौटेगी। आज इतने वर्ष बाद अपने देश की मिट्टी पर कदम रखते ही…

इंद्रधनुष – (कहानी)

इंद्रधनुष – डॉ स्मिता सिंह सोना और कीर्ति लक्ष्मी जी की दोनों बेटियाँ उनके जन्मदिन को एक भव्य तरीके से मनाने लिए उत्सुक थीं, बिना उन्हें कुछ बताए। इन दोनों…

राजरानी – (कहानी)

राजरानी – डॉ स्मिता सिंह रोज़ सुबह ईश्वर को नमन करते समय यह ख़याल आता की वह क्यों भाग्य विहीन हैं। कोई भी उसे सहारा देनेवाला क्यों नहीं है। रानी…

घेरे अपने-अपने – (कविता)

– अनुराग शर्मा ***** घेरे अपने-अपने अपने घेरे में ही, गुनगुनाते रहेपास आना तो दूर, दूर जाते रहे॥ प्रीत हमसे न थी तो जताते नहींप्यार के नाम पर, क्यूँ सताते…

भाव-बेभाव – (कविता)

– अनुराग शर्मा ***** भाव-बेभाव प्रेम तुम समझे नहीं, तो हम बताते भी तो क्याथे रक़ीबों से घिरे तुम, हम बुलाते भी तो क्या वस्ल के क़िस्से ही सारे, नींद…

अरमान – (कविता)

अरमान – डॉ स्मिता सिंह ***** बस दो ही दिन पहले के नज़ारेअदभुत रोशनी, रूमानी नज़ारे,जब शब भी शबनम माफ़िक़ चमक बिखेरेपूर्णिमा के चाँद की चाँदनी में नहाईयाद आ गई…

सुकून तो देती थी चाय – (कविता)

सुकून तो देती थी चाय – डॉ स्मिता सिंह ***** चाय हो या कोई चाह,पक्का रंग जब तक ना चढ़ेऔर नहीं हो जुनून,कहाँ मिलता है सच्चा सुख और कौन देता…

स्मिता सिंह – (परिचय)

डॉ स्मिता सिंह जन्म- 12 August शिक्षा- ​​​डॉक्टरेट कर्मक्षेत्र- मुंबई, दिल्ली, और सिंगापुर में। लेक्चरर के पद पर भारत में और सिंगापुर में। प्रमुख विधाएं-​ कविता, आलेख, व्यंग्य साहित्यिक प्रकाशन-…

गाँव की गोरी – (कहानी)

गाँव की गोरी अनुसूया साहू फूलों से मुझे विशेष प्रेम है, और तितलियाँ भी मेरे मन को बहुत भाती हैं। जैसे वे रंग-बिरंगे पंखों के साथ आकाश में स्वच्छंद उड़ान…

अच्छा है – (कविता)

अच्छा है सूखा पत्ताबोझिल रिश्ताझड़ जाए तो अच्छा है। मन की पीरनयन का नीरबह जाए तो अच्छा है। काली रातजी का घातढल जाये तो अच्छा है। अमीर की तिजोरीचोर की…

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