Category: जापान

रमा पूर्णिमा शर्मा – (परिचय)

डॉ रमा पूर्णिमा शर्मा जन्म : जालंधर, पंजाब निवास : टोक्यो जापान विधाएं : कविता, कहानी, हाइकु, लेख, लघुकथा, उपन्यास कार्य : हिंदी और पंजाबी का प्रचार प्रसार, भारतीय संस्कृति…

उसके श्रम के आँसू – (कविता)

उसके श्रम के आँसू अब्र से कल्पित कोमल चक्षु उसके भींग गए उसके श्रम के आँसू वह हृदय स्थल तक भीत गए मेरी कामना की प्यास का नज़ारा एक यह…

तुम कहो तो मैं लिख दूँ – (कविता)

तुम कहो तो मैं लिख दूँ चूल्हे की रोटी का वो स्वाद,जो माँ के प्यार से रचा था,मोहल्ले की दादी का आशीर्वाद,जहाँ हर गम छुप जाता था।तुम कहो तो मैं…

मैं भारत हूँ – (कविता)

मैं भारत हूँ मैं भारत हूँ, सिर्फ़ नाम से मत पहचानो मुझे।कभी मुग़लों ने तो कभी अंग्रेजों ने लूटा था बहुत,अडिग हूँ आज भी, तो शान से जानो मुझे। मैं…

अतुल शर्मा – (परिचय)

अतुल शर्मा मेरा नाम अतुल शर्मा है। मैं उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले से हूँ, जहाँ मेरा बचपन बीता। मैंने अपनी शिक्षा चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ से एम.कॉम (स्नातकोत्तर)…

खूब दौड़ने, पढ़ने और मीठा खाने वाली एक जापानी लड़की का अनोखा सपना – (संस्मरण)

खूब दौड़ने, पढ़ने और मीठा खाने वाली एक जापानी लड़की का अनोखा सपना –वेदप्रकाश सिंह, (ओसाका विश्वविद्यालय, जापान) हिंदी पढ़ाते हुए कई बार विद्यार्थियों को सौ-दो सौ शब्दों में अपना…

जापानी राग-मिरवा – (संस्मरण)

जापानी राग-मिरवा वेदप्रकाश सिंह (ओसाका विश्वविद्यालय, जापान) इस समय जापान में बरसात का मौसम है। जून और जुलाई का महीना बरसात के ही नाम होता है। वैसे बारिश तो जापान…

एक प्रवासी की उलझनें – (कविता)

एक प्रवासी की उलझनें अब नहीं रहापहले जैसा असहनीय प्रवासकुछ लोगों के लिएन रहे पहले जैसे प्रवासीप्रवास अब बन चुका हैएक जीवन स्थितिजिसे कभी चाहकरतो कभी मजबूरनस्वीकार करते हैं असंख्य…

हिन्दी भाषा – (कविता)

हिन्दी भाषा हिन्दी है मेरी अनमोल प्यारी मातृभाषाबने सबकी अभिव्यक्ति की साख ऐसी अभिलाषाटोक्यो की हिन्दी सभा शिविर में आकर ये विचार आयाकरे हिन्दी के उत्थान के लिए कुछ ये…

रंजना सिंह – (परिचय)

रंजना सिंह मैं, रंजना सिंह पिछले लगभग 2 दशकों से जापान की राजधानी टोक्यो में अपने परिवार के साथ रह रही हूँ।ताज नगरी आगरा में पली बढ़ी और वहीं से…

इस देश में बसंत – (कविता)

इस देश में बसंत बैठ मुंडेर पर निहार रहा हैपथिक भ्रांत दृश्य एक ‌‌‌‌‍सामने उसके रचा हुआ हैरचनाकार का बसंत विशेष दिवास्वप्न-सा आगंतुक अविचल हैऋतुराज का दृश्य नवल नवीनमानो शाख…

सुयोग – (परिचय)

सुयोग मैं सुयोग हूँ। मैं टोक्यो विश्वविद्यालय में भौतिकी विभाग में प्रथम वर्ष का पी.एच.डी. का छात्र हूँ। मैं लगभग 3 साल पहले जापान आया था और तब से टोक्यो…

शाम – (कविता)

शाम अच्छे से वाकिफ़ हूँ इससेजो अंधेरे जैसी छाई है,जमाना कहे जिसे आज़ादीएक लंबी सी तनहाई है ।ए ख़ुद की मर्जी की मालिक,तूने क्या किस्मत पाई है,कहते हैं जिन्होंने हर…

पहाड़ और नदी – (कविता)

पहाड़ और नदी मैं, दुर्गम, कठोर पहाड़वह खिलखिलाती बहती नदी थी,ताज़्जुब नहीं कि चली गईहैरत है कि वह कभी मेरी थी।मेरा ठहराव,शायद कभी समझी नहीं।अच्छा हुआ के मुझ पत्थर संगवह…

दिल्लगी – (कविता)

दिल्लगी आँखों ही आँखों में आपने ना जाने क्या कह दिया।कि हमने अपना दिल आपके नाम कर दिया।।बस यही तो एक भूल की हमने।कि बिना सोचे समझे आपसे प्यार कर…

सई शिधये – (परिचय)

सई शिधये मेरा नाम सई शिधये है। मैं पुणे, महाराष्ट्र से हूँ।वर्तमान में जापान में रह रही हूँ।मुझे कविताएँ और शायरी पढ़ना बहुत पसंद है और मैं खुद से कुछ…

चला आया हूँ – (कविता)

चला आया हूँ चला आया हूँ, उस दौर को छोड़कर,उस खेल को छोड़कर, उस छाँव को छोड़कर।आ गया हूँ, कहाँ, पूछता हूँ खुद से,जाना कहाँ है, ये भी नहीं है…

गांधी के सपनों का भारत, आ निकला है किस ये पथ पर – (कविता)

गांधी के सपनों का भारत, आ निकला है किस ये पथ पर उम्र जवां है, उमड़ा यौवन, दिल मे लेकिन चुभता नश्तर।।बोस, आजाद, बिस्मिल, जैसे थे मणि के हीरे।चमक रहे…

शर्म की बात है! – (कविता)

शर्म की बात है! बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ,नारा तुम लगाते हो।आती है जब बात न्याय की,चुप्पी साध क्यों जाते हो?आठ साल की बच्ची थी वो,थी वो दुनियाँ से अनजान।बनाया उसको…

इंसाफ का सवाल – (कविता)

इंसाफ का सवाल वाह रे मेरे देश के इंसान,मारते हो इक छोटी सी बच्ची,और चिल्लाते हो,मेरा भारत महान।वाह रे, मेरे देश के फ़नकार,खिताब न लौटाओगे अब,बैनर न लगाओगे अब,अरे झूठे…

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