Category: भारत

दिल में दीप जलाने वाले – (कविता)

डॉ० अर्जुन गुप्ता ‘गुंजन’, प्रयागराज दिल में दीप जलाने वाले (सार छन्दाधारित गीत) घर-आँगन में घोर निराशा, चहुँदिश है अँधियारा।दिल में दीप जलाने वाले, नित करते उजियारा॥ दुराचार के कारण…

आपरेशन सिंदूर – (हास्य कविता)

– निशा भार्गव आपरेशन सिंदूर आज से 48 वर्ष पूर्व हमने भी किया थाऑपरेशन सिंदूरजिससे हमारे चेहरे पर छाया था नूरमाँग का सिंदूर रहा था चमकऔर उसी दिन से शुरू…

अपने आप से एक मुलाकात – (ब्लॉग)

अपने आप से एक मुलाकात – अनिल जोशी मेरा जन्म दिल्ली में हुआ। हमारी परवरिश पुरानी दिल्ली में हुई। पुरानी दिल्ली की तहज़ीब, तौर-तरीके, स्वाद की मिठास हमारे व्यक्तित्व का…

बाल पुस्तक: ‘नानी की अटारी से कविता की पिटारी’ – (पुस्तक समीक्षा)

बाल पुस्तक: ‘नानी की अटारी से कविता की पिटारी’ -ओमप्रकाश प्रजापति (मुख्य सम्पादक- ट्रू मीडिया) बचपन कल्पना का संसार है, रंगों, धुनों, बातों और भावनाओं से भरा हुआ। इस संसार…

शरद जोशी हास्य का मर्म, व्यंग्य का धर्म और साहित्य की आत्मा थे – (आलेख)

शरद जोशी हास्य का मर्म, व्यंग्य का धर्म और साहित्य की आत्मा थे ~ विजय नगरकर, अहिल्यानगर, महाराष्ट्र “लेखक होना केवल शब्दों से खेलना नहीं होता, बल्कि समाज की नब्ज…

गणेश लेखनविद्या और ॐ – (आलेख)

गणेश लेखनविद्या और ॐ ~ विजय नगरकर, अहिल्यानगर महाराष्ट्र मानव सभ्यता के इतिहास में संवाद की कला ने एक विशेष स्थान बनाया है। प्राचीन काल से ही मनुष्य ने परस्पर…

एक छोटी सी बात… – (कहानी)

– डॉ सुनीता शर्मा, न्यूजीलैंड एक छोटी सी बात… आज जब मैं घर लौटी, तो बगल की बिल्डिंग से कुछ असामान्य शोर सुनाई दिया। निकोला — वहीं रहने वाली महिला…

अंग्रेजी माध्यम : दोषी कौन – (विचार स्तंभ)

अंग्रेजी माध्यम : दोषी कौन – डॉ. अशोक बत्रा, गुरुग्राम निसंदेह नन्हे-नन्हे बच्चों से नन्हीं-सी आयु में अपनी भाषा छुड़वाकर किसी विदेशी भाषा में पढ़वाना डायलिसिस जैसा कष्टकारी है। भाषांतरण…

दाढ़ी – (व्यंग्य)

दाढ़ी – रवि ऋषि मेरी जो गिनी चुनी आदतें मेरी पत्नी को पसंद हैं, उनमे मेरी बढ़ी हुई दाढ़ी नहीँ है। और सफेद दाढ़ी तो बिलकुल नहीँ। जबकि हमें दाढ़ी…

शस्य श्यामला वितान – (कविता)

– डॉ० अर्जुन गुप्ता ‘गुंजन’, प्रयागराज शस्य श्यामला वितान (श्येनिका छंद-२१२ १२१ २१२ १२) शस्य श्यामला वितान है धरा।उर्वरा स्वदेश है हरा भरा॥हैं उपत्यका नवीन वेश में।मेखला विराजमान देश में॥…

जल ही जीवन – (कविता)

डॉ. मंजु गुप्ता जल ही जीवन बहता पानी नदिया हैझरता पानी झरनाबरसता है तो बारिशआँखों में डबडबाए तो आँसूफूल पंखुरी पर लरजती ओस की बूँदजमकर हिमशिला, फ्रीजर में रख दो…

पुरुष नहीं रोते – (कविता)

डॉ. मंजु गुप्ता पुरुष नहीं रोते तुम रोती हो, हँसती हो, खुलकर अपनी बात कहती होतारसप्तक में, कोई बात पसंद न आने पर, गुस्सा करती हो,खीजती हो, झल्लाती हो, बर्तन…

रोबोट: एक शब्द की अनोखी यात्रा – (आलेख)

रोबोट: एक शब्द की अनोखी यात्रा ~ विजय नगरकर, अहिल्यानगर, महाराष्ट्र 1920 का साल, जब चेक लेखक कारेल चापेक ने अपनी नाटकीय कृति R.U.R. (रॉसुम्स यूनिवर्सल रोबोट्स) के माध्यम से…

‘मानस’ में रामभक्त के मापदंड – (आलेख)

‘मानस’ में रामभक्त के मापदंड प्रो.आलोक गुप्त, पूर्व प्रोफेसर, गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने तुलसी के सदाचार और भक्ति को अन्योन्याश्रित बताया है। वैसे तो इसमें कोई नवीनता…

कट्टी बट्टी – (आलेख)

कट्टी बट्टी ~डॉ सुरेश पंत (शब्दों के साथ साथ के लेखक) “कट्टी तो कट्टी बारह बजे बट्टी मैं खाऊँ आइस्क्रीम तू खाए मिट्टी …… हा-हा, हा-हा-हा !!!” हमारा बचपन कट्टी-बट्टी…

महाकवि बिहारी – (आलेख)

महाकवि बिहारी -राजेन्द्र रंजन चतुर्वेदी महाकवि बिहारी की गणना रीतिकाल के राज्याश्रित कवियों में ही की जाती है। महाराज जयसिंह के दरबार में थे ही, किन्तु राजा के मन में…

माँ के हाथ का खाना – (मातृ दिवस विशेष)

– अनिल जोशी *** 1. माँ के हाथ का खाना बहुत स्वादिष्ट खाना बनाती है तुम्हारी मां,कहा एक मित्र ने, पूछ कर आना उनसे,कौन से मसाले डालती हैं वो,हँस पड़ी…

कमरा का कमरे क्यों हो जाता है? – (आलेख)

कमरा का कमरे क्यों हो जाता है? डॉ. अशोक बत्रा, गुरुग्राम चाय के खोखे पर इधर – उधर की चल रही थी। प्रोफेसर गुप्ता ने हिंदी की बखिया उधेड़ते हुए…

पंडित दीनानाथ मंगेशकर की अंतिम यात्रा: जब संगीत मौन हो गया – (आलेख)

पंडित दीनानाथ मंगेशकर की अंतिम यात्रा : जब संगीत मौन हो गया – प्रस्तुति- विजय नगरकर अप्रैल की तपती दोपहर थी। सड़कें सुनसान थीं, जैसे खुद शहर ने भी मौन…

भारतीय संस्कृति की पैरोकार, जिंदादिल, सुलझी हुई बड़ी बहन जय वर्मा –  (संस्मरण)

भारतीय संस्कृति की पैरोकार, जिंदादिल, सुलझी हुई बड़ी बहन जय वर्मा डॉ. संदीप अवस्थी, राजस्थान, भारत “डॉक्टर साहब ने ही मेरी रचनाधर्मिता को नए आयाम दिए। वह (डॉक्टर महिपाल जी,…

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