Category: भारत

महाराष्ट्र राज्य स्थापना दिवस – (आलेख)

महाराष्ट्र राज्य स्थापना दिवस ~ विजय नगरकर, अहिल्यानगर, महाराष्ट्र मराठी राजभाषा दिन और मध्य प्रदेश की ऐतिहासिक भूमिका 1 मई 1960 को जब महाराष्ट्र राज्य की स्थापना भाषावार प्रांत रचना…

मनोदैहिक विकारों में योग की भूमिका – (आलेख)

मनोदैहिक विकारों में योग की भूमिका – मनोज श्रीवास्तव कल भोपाल विश्वविद्यालय में Role of Yoga in Psycho-somatic disorders में बोलते हुए मैंने कहा कि योग मन का जनतंत्र है।…

जय वर्मा के कहानी संग्रह ‘सात कदम’ की अनीता वर्मा की समीक्षा – (यू-ट्यूब)

https://www.youtube.com/watch?v=TJ4g3gAGCEA

मंदिरों के आलोक में – पुनः वारंगल (2) – (यात्रा संस्मरण)

मंदिरों के आलोक में – पुनः वारंगल वरुण कुमार “रह न जाए मेरी-तेरी बात आधी…” मन को संतोष न था। इतनी चीजें देखी और सोची थीं, किंतु अभिव्यक्ति एक ही…

राजभाषा संस्मरण – (संस्मरण)

राजभाषा संस्मरण ~ विजय नगरकर, महाराष्ट्र हमारे ज़िले के उस शांत और नैसर्गिक ग्रामीण क्षेत्र में स्थित महाविद्यालय का वातावरण आज भी मेरी स्मृति में ताज़ा है। मुझे वहाँ हिंदी…

अपनी राह की अन्वेषक – (संस्मरण)

अपनी राह की अन्वेषक -प्रेम जन्मेजय 1969 में दिल्ली विश्वविद्यालय की आर्टस फैक्लटी में मेरे साहित्यिक व्यक्तित्व का निर्माण करने वाले शिक्षाकाल का आंरभ हुआ तो लगा कि कुएं से…

मनाली के इग्लू – (यात्रा संस्मरण)

मनाली के इग्लू (दूसरा दिन) मनोज श्रीवास्तव ‘अनाम’ 22 जनवरी 2021 ऊंघते पहाड़ों के बीच घुमावदार सड़कों पर बस आगे बढ़ती अपने पीछे जंगल, बस्ती एवं छोटी – छोटी दुकानों…

भगवद् गीता और नाट्यशास्त्र का वैश्विक सम्मान – (लेख)

भगवद् गीता और नाट्यशास्त्र यूनेस्को की मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में शामिल प्रस्तुति- डॉ. विजय नगरकर भारत से भगवद् गीता और नाट्यशास्त्र को यूनेस्को की मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड…

निर्मला जैन मैम – (संस्मरण)

निर्मला जैन मैम प्रो.रेखा सेठी हिंदी की स्त्री रचनाकारों की कतार में आलोचक बहुत कम हैं। जेंडर और साहित्य के रिश्तों की पड़ताल में एक अदृश्य-सा समझौता दिखाई पड़ता है।…

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: उर्दू और हिंदी एक भाषा, भाषा को धर्म से न जोड़ा जाए – (आलेख)

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: उर्दू और हिंदी एक भाषा, भाषा को धर्म से न जोड़ा जाए विजय नगरकर, अहिल्यानगर, महाराष्ट्र वादी: श्रीमती वर्षताई पत्नी श्री संजय बागड़ेप्रतिवादी: महाराष्ट्र राज्य…

प्रोफेसर निर्मला जैन : हमारी गुरु, हमारी संरक्षक – (संस्मरण)

प्रोफेसर निर्मला जैन : हमारी गुरु, हमारी संरक्षक मैं दिल्ली विश्वविद्यालय से बी.ए. और एम.ए.(हिंदी), आर्थिक परिस्थितियोंवश सांध्यकालीन संस्थानों से ही कर पाया था। दिन के समय नौकरी करनी पड़ी…

प्रवासियों की कहानियाँ और व्यथाएँ : प्रवासियों का विश्व – (पुस्तक समीक्षा)

प्रवासियों की कहानियाँ और व्यथाएँ : प्रवासियों का विश्व विजय नगरकर, अहिल्यानगर, महाराष्ट्र इस विशाल पृथ्वी के खंडित भूभागों पर अंकित मानव सभ्यता के पदचिह्न मानो उसकी सार्वकालिक भ्रमंती (घुमक्कड़ी)…

विस्मित है ये प्रश्न अभी तक – (कविता)

डॉ० अर्जुन गुप्ता ‘गुंजन’, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश विस्मित है ये प्रश्न अभी तक (नवगीत – मात्राभार १६, १२) विस्मित है ये प्रश्न अभी तककिसने नींद चुराई? मृग-मरीचिका सी है लिप्सा,इसके…

पतझड़-सा है जीवन मेरा – (कविता)

डॉ० अर्जुन गुप्ता ‘गुंजन’, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश पतझड़-सा है जीवन मेरा (सार छंद आधारित गीत) खुशियाँ सारी झुलस रही हैं,जीवन में निर्झर दो।पतझड़-सा है जीवन मेरा,उसको सावन कर दो॥ दुख…

फागुन आ धमका – (कविता)

डॉ० अर्जुन गुप्ता ‘गुंजन’, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश फागुन आ धमका (दुर्मिल सवैया छंद आधारित गीत) अधरों पर गीत सजे जबहीं,समझो तब फागुन आ धमका।मन के अँगना करताल बजे,तब ताल तरंगित…

जहर बाँट कर क्या तू पाया – (कविता)

डॉ० अर्जुन गुप्ता ‘गुंजन’, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश जहर बाँट कर क्या तू पाया (नवगीत – मात्राभार १६,१२) जहर बाँट कर क्या तू पाया,चिंतन कर तू मन में। छेड़-छाड़ करता कुदरत…

डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की भाषा नीति – (शोध आलेख)

डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की भाषा नीति ~ विजय नगरकर, अहिल्यानगर, महाराष्ट्र डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर, जिन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया और जो भारतीय संविधान के मुख्य वास्तुकार थे, ने…

फॉल सीजन / पतझड़ – (कविता)

– मंजु गुप्ता *** *** फॉल सीजन / पतझड़ कभी कभी मुझे लगता हैकि मैं जिंदगी के विराट् बरगद की एक तनहा जड़ हूँ-गहरी, मजबूत, पुष्ट,हरियाई थी बहुतबरसों लहराई लगातारफली-फूली,…

अंतरात्मा – (कविता)

– मंजु गुप्ता **** **** अंतरात्मा रूह को मारने की कोशिश तो बहुत कीमार नहीं पाए, यही मुश्किल हो गयी हैजानते हैं जनाब, बड़ी बेशर्म हैहद दर्जे की दसनंबरीमैंने इसे…

लड़कियाँ – (कविता)

मंजु गुप्ता लड़कियाँ लड़कियाँ तो….समय की आवाज़ हैं, हृदय की धड़कन हैंफूलों की खुशबू और खुशबू का स्पन्दन हैं. पानी में लहर हैं, लहरों का नर्तन हैंसमाज की नब्ज और…

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